
शराब, पेट्रोल और डीजल उत्पादों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाने पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
एक देश एक कर प्रणाली लागू न करना असंवैधानिक है। धीमान ने कहा कि शिक्षा और समाचार पत्र के क्षेत्र को कर मुक्त किया जाना चाहिए था, लेकिन इस पर सरकार का ध्यान गया, लेकिन शराब, पेट्रोल और डीजल पर ध्यान नहीं दिया गया। शराब पर सबसे अधिक से अधिक जीएसटी होना चाहिए था है और पेट्रोल और डीजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सस्ता पेट्रोल और डीजल होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और ऑटो सेक्टर भी फलेगा-फूलेगा। किसानों को भी राहत मिलेगी।
गढ़शंकर 05 सितंबर (बलवीर चौपरा) लेबर पार्टी ने पार्टी अध्यक्ष जय गोपाल धीमान और महासचिव देविंदर सिंह के नेतृत्व में शराब, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत न लाने के लिए अड्डा हांदोवाल में केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार की दोहरी और गैर-पारदर्शी नीतियां लोगों को आर्थिक दृष्टिकोण से खोखला कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अपने निजी स्वार्थ के कारण शराब, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखकर असंवैधानिक तरीकों को मान्यता देना लोकतांत्रिक नहीं है और उन्होंने कहा कि शराब एक नशा है लेकिन सरकारें स्वयं इसे विभिन्न तरीकों से प्रोत्साहित कर रही हैं और जिसके कारण पंजाब के लोगों के जीवन में युवाओं और आम लोगों के बीच शराब का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। वहीं पेट्रोल और डीजल पर भी कई तरह के टैक्स लगा दिए गए हैं। अगर ये तीन चीजें जीएसटी के दायरे में आ गईं तो इनकी कालाबाजारी पूरी तरह से बंद हो जाएगी। शराब के कारोबार में भारत में बड़े-बड़े घोटाले हो रहे हैं और पेट्रोल और डीजल की कालाबाजारी भी इन सभी सरकारों की नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह भी आश्चर्य की बात है कि बच्चों की टॉफी, स्टेशनरी और न्यूज पेपर 18वें जीएसटी के दायरे में सरकार लेकर आई है, लेकिन शराब, पेट्रोल और डीजल के विषय पर कुम्भकरण की नींद सो रही है । धीमान ने कहा कि शिक्षा और समाचार पत्र के क्षेत्र को कर मुक्त किया जाना चाहिए था, लेकिन इस पर सरकार का ध्यान गया, लेकिन शराब, पेट्रोल और डीजल पर ध्यान नहीं दिया गया। शराब पर सबसे अधिक से अधिक जीएसटी होना चाहिए था है और पेट्रोल और डीजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सस्ता पेट्रोल और डीजल होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और ऑटो सेक्टर भी फलेगा-फूलेगा। किसानों को भी राहत मिलेगी। धीमान ने कहा कि शराब, पेट्रोल, और डीज़ल बिना बिल से विक्री नहीं होना चाहिए और बिल में पूरी तरह से टैक्स की डिटेल देनी चाहिए। बिना बिल से इन चीजों की विक्री करवानी पूरी तरह से गलत है। धीमान ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि ये चीजें जीएसटी के दायरे में आएं। लेकिन सरकारों द्वारा ऐसा न करना अपारदर्शिता है और लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने लोगों से अपील की। शराब, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर जागरूक हों और लेबर पार्टी के समर्थन में आगे आएं. 2024 के चुनाव के दौरान इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाया जाएगा और किसान संगठनों से भी लिखित में समर्थन मांगा जाएगा.
