फैक्ट्री कर्मचारियों को सुरक्षा, प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया जाना जरूरी - वीके मल्होत्रा।

पटियाला- फैक्ट्री कर्मचारियों को स्वयं व अपने परिवार की सुरक्षा, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, अग्नि सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया जाना बहुत जरूरी है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यदि दुर्घटना हो जाए तो घायलों को उचित प्राथमिक उपचार दिया जाए, यह विचार सूद प्लास्टिक फैक्ट्री फोकल प्वाइंट के प्रबंधक एचआर इंजी. वीके मल्होत्रा ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के सहयोग से फैक्ट्री में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।

पटियाला- फैक्ट्री कर्मचारियों को स्वयं व अपने परिवार की सुरक्षा, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, अग्नि सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया जाना बहुत जरूरी है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यदि दुर्घटना हो जाए तो घायलों को उचित प्राथमिक उपचार दिया जाए, यह विचार सूद प्लास्टिक फैक्ट्री फोकल प्वाइंट के प्रबंधक एचआर इंजी. वीके मल्होत्रा ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के सहयोग से फैक्ट्री में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।
 इस अवसर पर पटियाला पुलिस ट्रैफिक एजुकेशन सेल की इंस्पेक्टर सरबजीत कौर व एएसआई राम सरन ने ट्रैफिक, साइबर व घरेलू दुर्घटनाओं के कारणों व बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आईएसआई ब्रांड हेलमेट या सही ढंग से पहनी गई पगड़ी, सीट बेल्ट, लाइसेंस, बीमा, प्रदूषण, आरसी, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, तनाव की समस्या, नशा मुक्त यातायात के महत्व के बारे में बताया। 
रेडक्रॉस के सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक श्री काका राम वर्मा ने युद्ध एवं आपदाओं से होने वाली आपदाओं, हृदयाघात, हृदयाघात, बेहोशी, सिर में चोट, आंतरिक रक्तस्राव, मिर्गी, सदमा, जहर, हड्डी टूटने, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, रिकवरी पोजीशन, वेंटिलेटर कृत्रिम श्वसन आदि पर प्रशिक्षण दिया, ताकि घायलों को मौत से बचाया जा सके। उन्होंने आग के प्रकार, आग लगने की घटनाएं, गैस रिसाव, विद्युत शॉर्ट सर्किट के कारण, पानी, आग बुझाने के लिए मिट्टी, आग को बुझाना तथा अग्निशामक सिलेंडरों के प्रयोग पर प्रशिक्षण दिया। 
इस अवसर पर कर्मचारियों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बहुमूल्य जीवन एवं संपत्तियों को बचाने के लिए शिक्षण संस्थाओं, कारखानों, वर्कशॉप, होटलों, ढाबों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, कार्यालयों एवं पुलिस विभागों में इस प्रकार के व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्ष में दो बार आयोजित किए जाने चाहिए।