
संपादक की कलम से
सादगी और सहनशीलता दो ऐसे गुण हैं जो हमारे व्यक्तित्व की शोभा बढ़ाते हैं और हमारे दैनिक जीवन को आसान और आरामदायक बनाते हैं। ये गुण उन लोगों की पहचान होते हैं जो दिल के अमीर होते हैं दैनिक जीवन की कठिनाइयों से बचने में सरलता बहुत सहायक है सहनशीलता किसी भी इंसान के सकारात्मक स्वभाव की निशानी है क्रोध एक नकारात्मक प्रवृत्ति है यह हमारी सोचने-समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है क्रोध के क्षणों को क्षणिक पागलपन कहा जाए तो गलत नहीं होगा सहनशीलता और सादगी से लिए गए निर्णय अधिकतर सही होते हैं और इन निर्णयों पर पछतावा नहीं होता। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और धन प्रधान युग में सादगी और सहनशीलता लुप्त होती जा रही है।
सादगी और सहनशीलता दो ऐसे गुण हैं जो हमारे व्यक्तित्व की शोभा बढ़ाते हैं और हमारे दैनिक जीवन को आसान और आरामदायक बनाते हैं। ये गुण उन लोगों की पहचान होते हैं जो दिल के अमीर होते हैं दैनिक जीवन की कठिनाइयों से बचने में सरलता बहुत सहायक है सहनशीलता किसी भी इंसान के सकारात्मक स्वभाव की निशानी है क्रोध एक नकारात्मक प्रवृत्ति है यह हमारी सोचने-समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है क्रोध के क्षणों को क्षणिक पागलपन कहा जाए तो गलत नहीं होगा सहनशीलता और सादगी से लिए गए निर्णय अधिकतर सही होते हैं और इन निर्णयों पर पछतावा नहीं होता। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और धन प्रधान युग में सादगी और सहनशीलता लुप्त होती जा रही है।
आज के समय में "दिखावा" हर क्षेत्र में प्रमुख स्थान प्राप्त कर रहा है हमारा खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज इस तरह बदल गए हैं कि हम अपने संसाधनों से ज्यादा खर्च करते हैं और कष्ट सहते हैं। शादियों से लेकर अंत्येष्टि तक, हम अपनी क्षमता से अधिक खर्च करते हैं, जो पूरी तरह से अनावश्यक है। हमारे द्वारा बिना सोचे-समझे किया गया खर्च अपने साथ न सुलझने वाली समस्याएं लेकर आता है
अगर हम गंभीरता से सोचें तो आम आदमी की जरूरतें सीमित हैं, अगर इच्छाओं की बात करें तो कोई सीमा नहीं है। बेलगाम इच्छाएँ बर्बादी, बेचैनी और भटकाव का कारण बन रही हैं| अतः सरल जीवन का कोई मुक़ाबला नहीं है|
अगर हम आजकल सहनशीलता की बात करें तो यह एक ख़त्म होती प्रवृत्ति साबित हो रही है। हर किसी की नाक पर गुस्सा है आज रिश्तों में कड़वाहट और छोटी-छोटी शिकायतों से खून के रिश्ते टूट रहे हैं हम भाई-बहन की छोटी-सी गलती का ठीकरा भाई-बहन पर फोड़कर रिश्ता तोड़ देते हैं किसी की छोटी सी बात पर आग उगलना आज आम बात हो गई है माता-पिता की डांट पर बच्चों की प्रतिक्रिया अक्सर घातक होती है रिश्तों की मिठास और गर्माहट मानो कहीं खो गई है किसी की बातें बर्दाश्त न करना आज के बच्चों और युवाओं में आम बात है आज अखबारों की सुर्खियां बनी आत्महत्या की घटनाएं इसी मानसिकता का परिणाम हैं सड़कों पर हिंसा या मारपीट की घटनाएं आम आदमी में सहनशीलता की कमी का नतीजा है जब हम सड़क पर चलते हैं तो यह नहीं सोचते कि हर व्यक्ति किसी जरूरी काम से जा रहा है अनावश्यक हार, अनावश्यक ऊहापोह और फिर वाद-विवाद, लड़ाई-झगड़े और मार-पिटाई अक्सर सभी के लिए हानिकारक होती है। इसका परिणाम केवल बर्बादी और पछतावा होता है इसलिए आज की आवश्यकता सरल और शांतिपूर्ण जीवन जीने की है सहनशक्ति एक कमजोरी नहीं बल्कि एक आदर्श व्यक्ति का शक्तिशाली हथियार है
