
उपायुक्त और एसएसपी ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का दौरा किया और मरीजों का हौसला बढ़ाया
होशियारपुर- डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल और एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र फतेहगढ़ का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने भर्ती मरीजों का हाल जाना और उन्हें नशे से मुक्ति के लिए प्रेरित किया। मरीजों से बात करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नशे की गिरफ्त से बाहर आना एक साहसिक कदम है और जिला प्रशासन उनकी हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
होशियारपुर- डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल और एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र फतेहगढ़ का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने भर्ती मरीजों का हाल जाना और उन्हें नशे से मुक्ति के लिए प्रेरित किया। मरीजों से बात करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नशे की गिरफ्त से बाहर आना एक साहसिक कदम है और जिला प्रशासन उनकी हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
इस दौरान एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने कहा कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को नुकसान पहुंचाता है लेकिन इसका पूरे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र उन लोगों के लिए आशा की किरण हैं जो नशे की गिरफ्त से बाहर निकलना चाहते हैं। इस दौरान नशा छोड़ चुके कुछ युवाओं ने भी मरीजों से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किये.
उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने नशे से छुटकारा पाया और अब अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर रहे हैं. उनके अनुभव और कहानियां यहां के मौजूदा मरीजों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि नशे की गिरफ्त से बाहर आए लोगों के लिए जिला रेड क्रॉस सोसायटी होशियारपुर के माध्यम से मल्टी-कुजीन कुकिंग, हेयरड्रेसिंग और सैलून आर्टिस्ट जैसे कौशल पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य इन व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज में पुनः स्थापित करना है।
उन्होंने बताया कि इन पाठ्यक्रमों में अब तक कुल 2 बैच सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किये जा चुके हैं और 60 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से तीस बसरे कौशल पाठ्यक्रम 'मेरा बाग मेरा मान' शुरू किया गया है। यह कोर्स रेडक्रॉस और बागवानी विभाग के सहयोग से संचालित किया जाएगा। इसमें नशे के आदी लोगों को खेती से जुड़े हुनर सिखाए जाएंगे ताकि वे इस प्रोजेक्ट से जुड़कर नई शुरुआत कर सकें और नशे से दूर रहें।
