
"उन्नत विश्लेषणात्मक तकनीक" पर दो सप्ताह का आईटीईसी गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम
11 दिसंबर से 22 दिसंबर, 2023 तक "उन्नत विश्लेषणात्मक तकनीक: निर्यात के लिए दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए बुनियादी सिद्धांत और अनुप्रयोग" पर दो सप्ताह का आईटीईसी गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, नाईपर, एस.ए.एस. नगर विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की भारत की विदेश नीति के तहत फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में आईटेक (ITEC) (भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
11 दिसंबर से 22 दिसंबर, 2023 तक "उन्नत विश्लेषणात्मक तकनीक: निर्यात के लिए दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए बुनियादी सिद्धांत और अनुप्रयोग" पर दो सप्ताह का आईटीईसी गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, नाईपर, एस.ए.एस. नगर विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की भारत की विदेश नीति के तहत फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में आईटेक (ITEC) (भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
आईटेक कार्यक्रम 15 सितंबर 1964 को भारत सरकार की सहायता के द्विपक्षीय कार्यक्रम के रूप में भारतीय मंत्रिमंडल के एक निर्णय द्वारा स्थापित किया गया था। विकास साझेदारी प्रशासन (DPA) -III की स्थापना विदेश मंत्रालय में जनवरी 2012 में की गई थी।
आईटेक (ITEC) कार्यक्रम पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस कार्यक्रम के तहत 161 देशों का आर्थिक सहयोग है जिसमें एशिया, अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन के साथ-साथ प्रशांत और छोटे द्वीप देश शामिल हैं। उन्हें भारतीय विकासात्मक अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
नाईपर पिछले 23 वर्षों से ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। नाईपर एसएएस नगर 11 से 22 दिसंबर, 2023 तक "एडवांस्ड एनालिटिकल टेकनीक्स : बेसिक प्रिंसिपल्स एंड एप्लीकेशन फॉर क्वालिटी असेसमेंट ऑफ़ ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स फॉर एक्सपोर्ट " पर दो सप्ताह का गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है ।
ड्रग रेगुलेटरी एवं क्वालिटी कंट्रोल की पृष्ठभूमि वाले 16 देशों यानी अल्जीरिया, बांग्लादेश, कैमरून, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, होंडुरास, जॉर्डन, मालदीव, नाइजीरिया, नाइजर, सीरिया, श्रीलंका, तुर्की, ताजिकिस्तान, तंजानिया और वियतनाम से कुल 24 प्रतिभागी हैं। कार्यक्रम में फार्मास्युटिकल उद्योग, शिक्षा जगत और नियामक एजेंसियों के प्रख्यात व्यक्ति व्याख्यान देंगे।
विभिन्न परिष्कृत विश्लेषणात्मक तकनीकों पर व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे और प्रतिभागियों को विभिन्न परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्योग और अनुमोदित विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला का दौरा भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा होगा।
आज, आईटेक (ITEC) का उद्घाटन समारोह संयोजन केंद्र, नाईपर, एस.ए.एस. नगर में आयोजित किया गया। प्रो. ए.के. बंसल, डीन, नाईपर ने अपने स्वागत भाषण में उल्लेख किया कि नाईपर ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। उन्होंने बताया कि फार्मास्युटिकल परिदृश्य बहुत तेजी से बढ़ रहा है और हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
पाठ्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर आईपी सिंह ने भारत सरकार के आईटेक (ITEC) कार्यक्रम और वर्तमान आईटेक (ITEC) पाठ्यक्रम का परिचय दिया।
नाईपर, एसएएस नगर के निदेशक प्रोफेसर दुलाल पांडा ने अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से विकासशील देशों के लोगों को कौशल प्रदान करने के विचार के साथ लगभग 59 साल पहले शुरू किया गया एक अनूठा कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि भारत के लिए पूरा विश्व एक परिवार है । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बेहतर आदान-प्रदान होगा और हमें एक-दूसरे को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि सभी प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति का आनंद लेना चाहिए और उन्होंने प्रतिभागियों को नाईपर में सुखद प्रवास की शुभकामनाएं दीं ।
बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स , नाईपर, एसएएस नगर के अध्यक्ष डॉ. गिरीश साहनी ने कहा कि हममें से बहुत से लोग महंगी दवाएं नहीं खरीद सकते। हमारे वैज्ञानिकों और उद्योगों ने सस्ती कीमतों पर दवाएं विकसित करने के लिए हाथ मिलाया और भारत को अब दुनिया की फार्मेसी माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को अपने देशों की समस्याओं के बारे में चर्चा करनी चाहिए और हमें सतत विकास के लिए एकजुट होकर हाथ मिलाना चाहिए।
विंग कमांडर पीजेपी सिंह वड़ैच (सेवानिवृत्त), कुलसचिव, नाईपर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया । उन्होंने नाईपर को आईटेक (ITEC) कार्यक्रम के संचालन के लिए अवसर देने और धन उपलब्ध कराने के लिए विदेश मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने रसायन और उर्वरक मंत्रालय, औषध विभाग, बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. गिरीश साहनी, निदेशक, नाईपर और समिति के सदस्यों और अन्य वर्गों को धन्यवाद दिया जिन्होंने ऐसे कार्यक्रमों के संचालन के लिए अपना योगदान दिया ।
