स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से ब्रेन ट्यूमर का खतरा कम किया जा सकता है - डॉ. हरमनदीप बराड़

एस.ए.एस. नगर, 7 जून- फोर्टिस अस्पताल मोहाली के न्यूरोसर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. (लेफ्टिनेंट कर्नल) हरमनदीप सिंह बराड़ ने कहा है कि स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है।

एस.ए.एस. नगर, 7 जून- फोर्टिस अस्पताल मोहाली के न्यूरोसर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. (लेफ्टिनेंट कर्नल) हरमनदीप सिंह बराड़ ने कहा है कि स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है। 
उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर हर साल दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करता है। डॉ. बराड़ ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (मैलिग्नेंट) या गैर-कैंसरयुक्त (बिनाइन) हो सकते हैं। लगभग एक-तिहाई (27.9 प्रतिशत) ब्रेन ट्यूमर मैलिग्नेंट होते हैं। इन्हें प्राथमिक सी.एन.एस. ट्यूमर (जो मस्तिष्क में ही बनते हैं) या सेकेंडरी ट्यूमर (जो शरीर के किसी अन्य हिस्से के कैंसर से फैलते हैं) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। 
उन्होंने बताया कि लगभग 5 से 10 प्रतिशत मामलों में ब्रेन ट्यूमर का पारिवारिक इतिहास हो सकता है। उच्च मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आने से ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 50 से 60 वर्ष की आयु में अधिक देखा जाता है। मैलिग्नेंट ट्यूमर आमतौर पर पुरुषों में अधिक होते हैं, जबकि बिनाइन ट्यूमर महिलाओं में अधिक पाए जाते हैं। 
उन्होंने बताया कि सबसे आम लक्षणों में बार-बार होने वाला और तीव्र सिरदर्द शामिल है, जो विशेष रूप से सुबह के समय बढ़ जाता है और उल्टी के साथ भी हो सकता है। इसके अलावा, मरीज को दौरे (फिट्स) पड़ सकते हैं, हाथों या पैरों में कमजोरी या सुन्नता (लकवा), बोलने में रुकावट, देखने या सुनने में समस्या, कानों में सीटी की आवाज (टिनिटस), निगलने में कठिनाई, चलने में असंतुलन या चक्कर आना भी हो सकता है। 
उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर की पहचान आमतौर पर सिरदर्द या दौरे जैसे नैदानिक लक्षणों की मौजूदगी पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि अन्य संबंधित लक्षणों के साथ न्यूरोलॉजिकल जांच और रेडियोलॉजिकल जांच जैसे एन.सी.सी.टी. (नॉन-कॉन्ट्रास्ट कंप्यूटेड टोमोग्राफी) और मस्तिष्क का कॉन्ट्रास्ट एम.आर.आई. (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) से भी स्थिति की पहचान की जा सकती है।
 उन्होंने कहा कि हालांकि ब्रेन ट्यूमर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार लेने, नियमित व्यायाम करने, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाने और अनावश्यक रेडिएशन जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचाव करने से इसकी प्रारंभिक पहचान और उपचार में मदद मिल सकती है।