अन्यायपूर्ण युद्ध के खिलाफ और दोनों देशों के लोगों के बीच शांति के लिए शहर में मार्च

गढ़शंकर - आज गढ़शंकर क्षेत्र के विभिन्न उग्रवादी एवं शांतिप्रिय संगठनों ने यहां एकत्रित होकर भारत और पाकिस्तान के शासकों द्वारा छेड़े गए अन्यायपूर्ण युद्ध के खिलाफ शहर में मार्च निकाला तथा दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी शांति, भाईचारे और भाईचारे का संदेश दिया।

गढ़शंकर - आज गढ़शंकर क्षेत्र के विभिन्न उग्रवादी एवं शांतिप्रिय संगठनों ने यहां एकत्रित होकर भारत और पाकिस्तान के शासकों द्वारा छेड़े गए अन्यायपूर्ण युद्ध के खिलाफ शहर में मार्च निकाला तथा दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी शांति, भाईचारे और भाईचारे का संदेश दिया।
मार्च से पहले बंगा चौक स्थित गांधी पार्क में विभिन्न वक्ताओं मुकेश कुमार, कुलभूषण मेहंदवानी, शाम सुंदर कपूर, नरेश कुमार भामियां, वीरेंद्र सिंह बिछूरी व सुखदेव डांसवाल ने जन-संहार युद्ध भड़काने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के लोगों के खिलाफ अन्यायपूर्ण युद्ध है। "जिसका हर मानवीय, न्यायप्रिय और शांतिप्रिय व्यक्ति को निडरता से विरोध करने की जरूरत है।" नेताओं ने पहलगाम की हृदय विदारक घटना की कड़ी निंदा की तथा घटना की जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की।
अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए तथा देश के कॉरपोरेट घरानों के लिए लाभ कमाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए, वह लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाना चाहती है तथा युद्ध की आंधी में झोंकना चाहती है।
उन्होंने लोगों को जंगल, जल, जमीन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी साधन और बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए उनके खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। इरादा लोगों का ध्यान उनकी वास्तविक मांगों और मुद्दों से हटाकर उन्हें युद्ध के धुएं में बदलना है। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
इस अवसर पर जसपाल सिंह शॉकी, रामजी दास चौहान, राणा दविंदर कुमार, सतपाल कलेर, गुरमेल सिंह, हंस राज गरशंकर, परमजीत चौहरा, भूपिंदर सिंह सरोया, शाम सुंदर कपूर, जगदीप कुमार, गगनदीप सिंह, राजदीप सिंह, मंजीत अरमान, नरेश भामिया, मनदीप कुमार, जरनैल सिंह डघम, रमेश कुमार मल्कोवाल, गगनदीप थांडी, शिंगारा राम भज्जल, बलवंत राम, सतनाम सिंह पीटीआई, जगदीप शांति मार्च में कुमार, दीवान चंद, राजिंदर सिंह, चंद्रशेखर औलियापुर, विनय कुमार, बलविंदर सिंह खानपुर, संजीव कुमार पीटीआई, गुरनाम सिंह हाजीपुर, डॉ. अमरीक सिंह, गोपाल दास, सतनाम सिंह सुन्नी, नरेंद्र कुमार, बलकार सिंह मघानिया, खुशविंदर कौर आदि मौजूद रहे।