
सीमा तनाव: शांति के लिए एक साहित्यिक संदेश।
नवांशहर - नवजोत साहित्य संस्था और के बैनर तले आज भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त की गई तथा लोगों के कल्याण के लिए मोमबत्तियां जलाकर शांति का आह्वान किया गया। उपस्थित पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने अपील की कि आतंकवाद को समाप्त करने तथा सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा के लिए सभी को एकजुटता से आंदोलन चलाना चाहिए।
नवांशहर - नवजोत साहित्य संस्था और के बैनर तले आज भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त की गई तथा लोगों के कल्याण के लिए मोमबत्तियां जलाकर शांति का आह्वान किया गया। उपस्थित पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने अपील की कि आतंकवाद को समाप्त करने तथा सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा के लिए सभी को एकजुटता से आंदोलन चलाना चाहिए।
संस्था के अध्यक्ष सुरजीत मजारी व सचिव राजिंदर जस्सल ने देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर डटे सैनिकों का हौसला बढ़ाया तथा उनकी सेवाओं को देश का सम्मान व गौरव बताया। संगठन के पूर्व अध्यक्ष सतपाल साहलों व गुरनेर शेर ने भी उपरोक्त विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि आज लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को खत्म करने के लिए गंभीर होने की जरूरत है तथा ऐसे मुद्दों पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। वक्ताओं ने जनता से सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे आतंक और भ्रामक भ्रांतियों से भी सचेत रहने की अपील की।
इस अवसर पर उपरोक्त के अतिरिक्त प्यारा लाल बांगड़, डॉ. केवल राम, दविंदर स्कोहपुरी, बिंदर मल्ल बेदियां, हरि किशन पटवारी, दीस राज बाली आदि ने भी गद्य व पद्य में शांति के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।
इस प्रकार, संगठन के संस्थापक गुरदयाल रोशन और पूर्व अध्यक्ष रजनी शर्मा ने दोनों देशों के बीच शांति की कामना करते हुए एक संदेश साझा किया।
