गीत संग्रह 'पोहली दे फूल' पर परिचर्चा आयोजित

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 7 मई: स्वपन फाउंडेशन, पटियाला (रजि.) द्वारा कार्यालय जिला भाषा अधिकारी, एस.ए.एस. नगर के प्रांगण में दिनांक 07.05.2025 को प्रसिद्ध कवि धर्म कमेआना के गीत संग्रह 'पोहली दे फूल' पर परिचर्चा आयोजित की गई। शोध अधिकारी डॉ. दर्शन कौर ने अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया तथा परिचर्चा के उद्देश्य से श्रोताओं को अवगत कराया।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 7 मई: स्वपन फाउंडेशन, पटियाला (रजि.) द्वारा कार्यालय जिला भाषा अधिकारी, एस.ए.एस. नगर के प्रांगण में दिनांक 07.05.2025 को प्रसिद्ध कवि धर्म कमेआना के गीत संग्रह 'पोहली दे फूल' पर परिचर्चा आयोजित की गई। शोध अधिकारी डॉ. दर्शन कौर ने अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया तथा परिचर्चा के उद्देश्य से श्रोताओं को अवगत कराया। 
उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उच्च स्तरीय आयोजन का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने गीत संग्रह के बारे में कुछ बातें भी साझा की। इसके पश्चात कवि सुरजीत सुमन व अन्य ने परिचर्चा की शुरुआत की तथा कहा कि इस गीत संग्रह में सामाजिक मुद्दों को गंभीरता से उठाया गया है।
'पोहली दे फूल' गीत संग्रह पर परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात आलोचक डॉ. राजिंदरपाल बराड़ ने गीत लेखन के इतिहास को साझा करते हुए गीत के पिछड़ेपन के बारे में कई बातें साझा कीं। उन्होंने धरम कमेआना के गीत लेखन के बारे में बात करते हुए कहा कि धरम की कविता में भाव और जुनून का मिश्रण है। उन्होंने आगे कहा कि यह कहना गलत है कि गीत सिर्फ भावनाओं का प्रवाह है और उसमें कोई विचार नहीं है। 
उन्होंने कहा कि धरम में एक स्वाभाविक राग और लय है जो उनके गीतों को और अधिक सुने जाने योग्य बनाती है। गीत संग्रह के लेखक धरम कमेआना ने कहा कि साहित्य का किला बनाना आसान नहीं है। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन के कई पहलुओं को उदाहरणों के साथ समझाया। अंत में उन्होंने तरुणम में कुछ गीत भी गाए। मुख्य अतिथि प्रो. अताई सिंह ने पंजाबी गीत लेखन के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य के बारे में बात की। 
उन्होंने आगे कहा कि धरम कमेआना वास्तव में एक कवि हैं, वे गीत लेखन में बाद में आए। उन्होंने कमेआना के गीत लेखन के कई अनछुए बिंदु भी साझा किए। कार्यक्रम का मुख्य भाषण देते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी की प्रख्यात आलोचक डॉ. वीरपाल कौर सिद्धू ने कहा कि धरम कमीना के गीत लगभग सभी प्रमुख गायकों द्वारा गाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कमीना एक मानवतावादी कवि हैं, वे ग्रामीण संस्कृति को बड़ी कलात्मकता के साथ प्रस्तुत करने वाले कवि हैं। 
उन्होंने आगे कहा कि 'पोहली दे फूल' कांटों को भी चुभता है और फूल का स्पर्श देता है। प्रो. जालौर सिंह खीवा ने धरम कमीना के साथ अपने दोस्ताना संबंधों के बारे में बात करते हुए उनकी रचना के कई रहस्यों का खुलासा किया। कार्यक्रम के विशेष अतिथि हरविंदर सिंह ने गीत के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गीत हमारे भाग्य से जुड़ा है, हम इसे अन्य साहित्यिक काव्य विधाओं के आगमन के साथ भूल गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि धरम लोगों के और हाल के कवि हैं। कार्यक्रम के अंत में स्वप्न फाउंडेशन, पटियाला (रजि.) के अध्यक्ष डॉ. कुलपिंदर शर्मा ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। 
उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही उनके मंच द्वारा गीतकारिता पर एक बड़ी संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। मंच का संचालन फाउंडेशन के महासचिव एवं लेखक जगदीप सिद्धू ने किया। इस कार्यक्रम में स्थानीय कवि गुरदेव चौहान, पाल अजनबी, गुरदीप सिंह, मंदर गिल, प्यारा सिंह राही, लाभ सिंह लेहली, धरमिंदर सेखों, ध्यान सिंह काहलों, लक्ष्मी सिद्धू, गायक पवनदीप, भूपिंदर मलिक, हजारा सिंह चीमा आदि ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी कार्यालय एसएएस नगर की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई।