
परिवार में सुख-दुख बांटने के लिए समय निकालें: चमन सिंह।
नवांशहर - रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों पुनर्वास केंद्र, नवांशहर द्वारा "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत बाबा जवाहर सिंह जी गुरुद्वारा, गांव टप्परियां राणेवाल (बलाचौर) में नशा विरोधी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती राजिंदर कौर (सरपंच) ने की।
नवांशहर - रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों पुनर्वास केंद्र, नवांशहर द्वारा "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत बाबा जवाहर सिंह जी गुरुद्वारा, गांव टप्परियां राणेवाल (बलाचौर) में नशा विरोधी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती राजिंदर कौर (सरपंच) ने की।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक श्री चमन सिंह ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में नशे की स्थिति आजादी के समय जैसी नहीं है। देश को आजाद कराने के लिए देशवासियों ने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी। लेकिन आज भी जरूरत इस बात की है कि अगर नशे के खिलाफ जंग जीतनी है तो वह एकता और समझदारी से ही जीती जा सकती है।
उन्होंने कहा कि युवाओं का नशे की ओर रुख करने का कारण परिवार का टूटना, संस्कृति को भूलना तथा महापुरुषों की जीवन शिक्षाओं से विमुख होना है। इस अवसर पर उन्होंने विस्तार से बताया कि बच्चे नशा क्यों करते हैं, नशे से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं, आर्थिक व सामाजिक स्थिति में गिरावट आती है तथा लोग मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं।
उन्होंने भारत और पंजाब में नशे की लत पर आंकड़े भी प्रकाशित किए और चिंता व्यक्त की कि लड़कियां भी नशे के दलदल में फंस रही हैं। उन्होंने ऐतिहासिक और गुरबाणी संदर्भों का हवाला देते हुए नशे से दूर रहने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें परिवार में प्रतिदिन अपने सुख-दुख बांटने के लिए समय निकालना चाहिए ताकि सभी की समस्याओं को सुना जा सके और उनका समाधान निकाला जा सके क्योंकि जब बच्चों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वे ऐसा रास्ता अपना लेते हैं जहां से वापस लौटना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने अपनी क्षमतानुसार ग्रामीणों के प्रश्नों का उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया।
श्री प्रवेश कुमार (पीयर एजुकेटर) ने भी केंद्र में मरीजों के इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की कि कोई भी नशा पीड़ित व्यक्ति एक महीने तक केंद्र में रहकर अपनी इच्छानुसार मुफ्त इलाज करवा सकता है, क्योंकि नशे की लत को घर पर रहकर ठीक नहीं किया जा सकता, नशे की लत को छोड़ने के लिए मनोचिकित्सकों और नशा पुनर्वास केंद्रों तक पहुंचना आवश्यक है।
इस अवसर पर श्री मोहन सिंह (पूर्व सरपंच) ने नशे पर अपने विचार साझा किए तथा ग्रामीणों से अपील की कि हमें आई हुई टीम की सलाह का पालन करना चाहिए, उन्होंने ग्रामीणों को इसका आश्वासन भी दिया। उन्होंने रेड क्रॉस टीम और ग्रामीणों को भी धन्यवाद दिया। इस अवसर पर हरपाल सिंह (पंच), गुरजिंदर कौर (पंच), कुलविंदर सिंह (पंच), हरभजन सिंह, हरपाल कौर, हरजिंदर सिंह (नंबरदार), परमजीत कौर (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता), पाखर सिंह, सतनाम सिंह, अमरजीत कौर, अरनदीप कौर और बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
