
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय आकाश खजूरिया की संदिग्ध एवं असामान्य मौत के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए
चंडीगढ़/मोहाली, 26 अप्रैल 2025 - पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय आकाश खजूरिया की संदिग्ध एवं असामान्य मौत के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। सीजीसी जंजीरी, मोहाली में बीएससी रेडियोलॉजी के छात्र और खरड़ के अमायरा सिटी में रहने वाले आकाश की 22 मार्च 2025 को अचानक मौत हो गई थी।
चंडीगढ़/मोहाली, 26 अप्रैल 2025 - पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 वर्षीय आकाश खजूरिया की संदिग्ध एवं असामान्य मौत के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। सीजीसी जंजीरी, मोहाली में बीएससी रेडियोलॉजी के छात्र और खरड़ के अमायरा सिटी में रहने वाले आकाश की 22 मार्च 2025 को अचानक मौत हो गई थी।
यह मामला उसके पिता भारत भूषण खजूरिया द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका सीआरडब्ल्यूपी-4008-2025 से संबंधित है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में जांच कराई जाए या विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए, क्योंकि स्थानीय पुलिस जांच को सही तरीके से आगे नहीं बढ़ा रही है।
हाईकोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेश भारद्वाज की पीठ ने 24 अप्रैल 2025 को मामले की सुनवाई की और फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता के वकील चेतन सहगल ने बताया कि भारत भूषण खजूरिया ने 7 अप्रैल 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), एसएएस नगर, मोहाली और अन्य अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिनिधित्व दायर किया था, लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है।
मामले की पृष्ठभूमि
जम्मू के शक्ति नगर निवासी भारत भूषण खजूरिया ने आरोप लगाया है कि सीजीसी जंजीरी में पढ़ने वाले और खरड़ के अमायरा सिटी में रहने वाले उनके बेटे आकाश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 22 मार्च 2025 को आकाश के रूममेट अंश शर्मा के पिता सुरेश शर्मा ने भारत भूषण को फोन करके इस बारे में जानकारी दी, लेकिन मौत के कारण या परिस्थितियों के बारे में कुछ नहीं बताया गया। भारत भूषण ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और शव को ले जाने के लिए उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आकाश के रूममेट का उसके एक दोस्त से संदिग्ध संबंध हो सकता है, जिस पर आदतन अपराधी होने का आरोप है। भारत भूषण का कहना है कि मौत के समय रूममेट मौके पर मौजूद था और उन्हें संदेह है कि उसने सबूत मिटाने की कोशिश की। 16 दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई और जांच भी ठीक से नहीं की जा रही, जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की।
हाईकोर्ट का निर्देश
सुनवाई के दौरान माननीय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के वरिष्ठ उप महाधिवक्ता श्री तरुण अग्रवाल को नोटिस जारी कर मामले में सरकार का पक्ष सुना। अंत में हाईकोर्ट ने एसएसपी, एसएएस नगर, मोहाली को निर्देश दिया कि वे भारत भूषण खजूरिया के दिनांक 7 अप्रैल 2025 के अभ्यावेदन पर एक महीने के भीतर कानून के अनुसार निर्णय लें। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
परिवार की मांग
भारत भूषण खजूरिया ने अपील की है कि इस संदिग्ध मौत की जांच को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आकाश की मौत से वे गहरे मानसिक दर्द में हैं और उन्हें न्याय की उम्मीद है।
