वड़िंग ने डिम्पी ढिल्लों पर 12,000 पीएमएवाई-जी लाभार्थियों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया

मुक्तसर, 6 मार्च - पंजाब कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बुधवार को दावा किया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 12,000 से अधिक लाभार्थियों का चयन किया था।

मुक्तसर, 6 मार्च - पंजाब कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बुधवार को दावा किया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 12,000 से अधिक लाभार्थियों का चयन किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार ने गिद्दड़बाहा के विधायक हरदीप सिंह डिम्पी ढिल्लों के इशारे पर इन सभी लाभार्थियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है और नया सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। वड़िंग ने आगे कहा कि वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर फेसबुक पर एक वीडियो संदेश भी अपलोड किया है।
उन्होंने कहा, “पीएमएवाई-जी के तहत गिद्दड़बाहा में लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक थी, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग ने स्थानीय आप विधायक के कहने पर सभी लाभार्थियों के नाम हटा दिए हैं और एक नया सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। "मैं कुछ दस्तावेज एकत्र कर रहा हूं और इस कदम के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करूंगा।"
हालांकि, ढिल्लों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, "गिद्दड़बाहा से तीन बार विधायक रह चुके राजा वड़िंग केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं, यह उनका राजनीतिक स्टंट हो सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि एक भी पंजीकृत लाभार्थी पीएमएवाई-जी योजना के लाभ से वंचित नहीं होगा।" हाल ही में एक सर्वेक्षण भी चल रहा है और जो लोग मानदंडों को पूरा करते हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि यदि वह किसी लाभार्थी को इस योजना का लाभ दिलाने में मदद कर सकें तो मैं नंगे पांव वड़िंग के घर जाने को भी तैयार हूं। इस बीच, गिद्दड़बाहा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी मनजोत सिंह ने स्पष्ट किया कि मानदंडों को पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट पर पीएमएवाई-जी के लाभार्थी के रूप में पंजीकरण कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और इसके लिए स्थानीय कर्मचारियों से किसी पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि जनता की सहायता के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थी को एक कमरे के मकान के निर्माण के लिए मजदूरी लागत सहित किस्तों में 1.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। एक बार पंजीकृत होने के बाद लाभार्थी का नाम सूची से हटाया नहीं जा सकता।