माहिलपुर की विरासत को संरक्षित करने की जरूरत - एस अशोक भौरा

माहिलपुर - माहिलपुर का क्षेत्र प्राचीन काल से ही समृद्ध विरासत का स्वामी रहा है। यह विचार अंतरराष्ट्रीय लेखक एवं पत्रकार एस अशोक भौरा ने यहां एक चर्चा पैनल को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने आगे कहा कि माहिलपुर गीत संगीत, देशभक्ति, खेल, शैक्षणिक, सामाजिक, साहित्यिक और राजनीतिक गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रहा है।

माहिलपुर - माहिलपुर का क्षेत्र प्राचीन काल से ही समृद्ध विरासत का स्वामी रहा है। यह विचार अंतरराष्ट्रीय लेखक एवं पत्रकार एस अशोक भौरा ने यहां एक चर्चा पैनल को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने आगे कहा कि माहिलपुर गीत संगीत, देशभक्ति, खेल, शैक्षणिक, सामाजिक, साहित्यिक और राजनीतिक गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रहा है। कभी भी पढ़ाई करें यहां के लोगों ने हर क्षेत्र में काफी प्रगति की है। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग 463 ई. में स्थानीय राजा महल देव का अतिथि था। इससे यह सिद्ध होता है कि यह क्षेत्र हर समय हर क्षेत्र में ऊंचाइयों को छूता रहा है। आजादी के इतिहास पर नजर डालें तो यह क्षेत्र बाबरों का गढ़ रहा है। आद धर्म के संस्थापक गादरी बाबा हरजाप सिंह और बाबू मंगू राम मुग्गोवालिया को सदैव याद किया जाता है। यहीं नहीं 1990 के दशक में यहां का शौंकी मेला पूरी दुनिया में जाना जाने लगा। 60 साल से लगातार चल रहा प्रिंसिपल हरभजन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट किसी से छिपा नहीं है। माहिलपुर के इतिहास और उपलब्धियों के बारे में कई किताबें लिखी जा सकती हैं।
           निक्की करुंबलन प्रकाशन माहिलपुर एवं सुर संगम एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा करुंबलन भवन में आयोजित परिचर्चा में जिला होशियारपुर बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कृष्णजीत राव कंडोवाल की गरिमामयी उपस्थिति रही।
अपने सम्बोधन में उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक एवं लेखक ज्ञानी हरकेवल सिंह सलानी की 24 पुस्तकों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने ज्ञानवर्धक पुस्तकें लिखीं और उन्हें निःशुल्क पाठकों के लिए उपलब्ध कराया। शैक्षणिक चर्चा करते हुए उन्हें गर्व महसूस हुआ इस स्थान की उपलब्धियाँ.. खालसा स्कूल से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज तक अनेक महापुरुषों का जन्म हुआ। बलजिंदर मान ने यहां के महान लेखकों की चर्चा की।साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता गुलजार सिंह संधू, तारा सिंह कमल, डाॅ. चरण दास सिद्धु और अजाज कमल जैसे लोगों ने अपने कार्यों से इस क्षेत्र को महानता प्रदान की है। संत बाबा हरि सिंह कहारपुरी एवं प्रिं. हरभजन सिंह जी की देन कोई नहीं भूल सकता. बग्गा सिंह कलाकार और गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रोफेसर दर्शन सिंह कोमल की गीत संगीत की विरासत का अनुसरण मनमोहन वरस, संगतर, कमल हीर और सिंह जैसे कलाकारों ने किया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल एकमात्र पंजाबी बच्चों की पत्रिका निक्कियां करुंबलन महलपुर का गौरव बन गई है। जिसके माध्यम से बाल साहित्य तैयार किया जा रहा है। बिंदु भौरा ने सोचा कि इन सभी विरासत मूल्यों को आज संरक्षित करने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी इनका अनुसरण कर सके। इस क्षेत्र की कई उपलब्धियां नई पनीरी के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम कर रही हैं। प्रिंसिपल मंजीत कौर ने भारत की एकमात्र अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी मनीषा कल्याण, अर्जन अवार्डी माधरी ए सिंह और गांव मुगोवाल के साइप्रस क्लब में खेलने वाली एशियाई स्टार एथलीट हरमिलन बैंस की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि क्षेत्र की लड़कियों ने भी नाम रोशन किया है। इस क्षेत्र में अपना नाम विदेश में रोशन किया है कुलदीप कौर बैंस ने हरवीर मान, हरमनप्रीत कौर, निधि अमन सहोता, सन्नी लंगेरी, पवन स्करुली, अवतार सिंह, चंचल सिंह बैंस सहित भाग लेने वाले सभी साहित्य और कला प्रेमियों को धन्यवाद दिया।