मोहाली प्रशासन ने किसानों और ग्रामीणों को पराली प्रबंधन मशीनरी का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया

एसएएस नगर, 2 अक्तूबर, 2024:- पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए मोहाली प्रशासन ने बुधवार को भी किसानों और ग्रामीणों से संपर्क किया और उन्हें पराली जलाने के पर्यावरणीय खतरों के बारे में जागरूक किया तथा उनके आस-पास उपलब्ध पराली प्रबंधन मशीनरी का उपयोग करने के लिए कहा।

एसएएस नगर, 2 अक्तूबर, 2024:- पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए मोहाली प्रशासन ने बुधवार को भी किसानों और ग्रामीणों से संपर्क किया और उन्हें पराली जलाने के पर्यावरणीय खतरों के बारे में जागरूक किया तथा उनके आस-पास उपलब्ध पराली प्रबंधन मशीनरी का उपयोग करने के लिए कहा। 
इस बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्रीमती आशिका जैन ने बताया कि पिछले साल के हॉटस्पॉट क्षेत्रों का दौरा करने के पंजाब सरकार के निर्देशों के अनुसार इस साल पराली जलाने की घटनाओं को शून्य सुनिश्चित करने के लिए एडीसी, एसडीएम, राजस्व अधिकारी, कृषि और अन्य विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों पर आधारित टीमें सार्वजनिक अवकाश के बावजूद बुधवार को फील्ड में रहीं। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जी) विराज एस तिड़के, एसडीएम डेराबस्सी अमित गुप्ता, एसडीएम गुरमंदर सिंह, पीसीएस प्रशिक्षु रूपिंदर पाल सिंह, तहसीलदार अर्जुन सिंह ग्रेवाल, सहायक निदेशक पशुपालन डॉ. लोकेश, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. गुरमेल सिंह व उनकी टीम ने गांव ग्रांगा, नियामिया, मछलीपुर, नबीपुर, महमूदपुर, बहलोलपुर, सिंहपुर, दौन, शरबतगढ़, छत्त, भांखरपुर, नानूमाजरा, सुखगढ़, दुसारना, खिजराबाद, धनौरा, तोगां, सिंहपुरा, नगला, सनौली, गाजीपुर, स्याऊ व बैरी गांवों का दौरा किया। 
प्रशासनिक टीमों ने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित व आश्वस्त किया। विशेष रूप से उन्हें आश्वासन दिया गया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गांव व आसपास में दी गई पूरी मशीनरी उनके उपयोग के लिए उपलब्ध है। ग्रामीणों को इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी व सीएक्यूएम (एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के निर्देशों से भी अवगत कराया गया तथा इनका सख्ती से पालन करने को कहा गया। इसके अलावा नोडल अधिकारियों और क्लस्टर अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पराली जलाने की कोई घटना न होने दें और किसी भी खेत में आग लगने की घटना होने पर तुरंत नजदीकी अग्निशमन दल की तैनाती करें। हॉट स्पॉट क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए बुलाए गए पुलिस स्टेशनों के पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।