केवीके ने पराली प्रबंधन तकनीकों की जानकारी देकर फार्म दिवस मनाया

पटियाला, 19 अप्रैल - पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, पटियाला के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने पराली प्रबंधन तकनीकों पर एक क्षेत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर सतही बीजाई तकनीक से बोए गए गेहूं की जानकारी साझा की गई तथा इस तकनीक से बोए गए प्लॉट का प्रदर्शन भी किया गया।

पटियाला, 19 अप्रैल - पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, पटियाला के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने पराली प्रबंधन तकनीकों पर एक क्षेत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर सतही बीजाई तकनीक से बोए गए गेहूं की जानकारी साझा की गई तथा इस तकनीक से बोए गए प्लॉट का प्रदर्शन भी किया गया।
इस कृषि दिवस में पटियाला जिले के लगभग 52 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर सहायक प्रोफेसर (फसल विज्ञान) डॉ. गुरप्रीत सिंह सिद्धू ने किसानों को धान की पराली को खेत में बनाए रखने और सरफेस सीडर तकनीक से गेहूं की बुआई करने के फायदों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने किसानों को पराली को बिना आग लगाए जमीन में जोतने से पौधों के लिए मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में भी विस्तार से बताया।
    डॉ. हरदीप सिंह साबिखी, सहायक प्रोफेसर (पौधा संरक्षण) ने किसानों को बताया कि सतही बीज यंत्र से बोए गए गेहूं में खरपतवार की समस्या बहुत कम होती है और खरपतवारनाशी के प्रयोग के बिना भी अच्छी फसल उपज प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने किसानों को बीज संशोधन के महत्व के बारे में बताया तथा यह भी अपील की कि प्रत्येक फसल को कृषि विश्वविद्यालय की अनुशंसा के अनुसार बीज संशोधन के बाद ही बोया जाना चाहिए। सतही बुआई से बोये गये गेहूं के प्रदर्शन प्लाट के भ्रमण के दौरान किसानों द्वारा इस तकनीक के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये। आये हुए किसानों ने इस प्रदर्शन स्थल पर बोये गये गेहूँ की प्रशंसा की तथा अगले वर्ष इस विधि को अपनाने की मंशा व्यक्त की। सरदार नरिंदर सिंह दित्तुपुर ने भी पराली संरक्षण की तकनीकों पर अपने विचार रखे और केवीके विशेषज्ञों के प्रयासों की भी सराहना की।