
पेक-सीएमएच और वाधवानी फाउंडेशन ने मिलकर शुरू किया 5 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम
चंडीगढ़, 2 जून 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के मैनेजमेंट और ह्यूमैनिटीज़ सेंटर (सीएमएच) द्वारा वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से आज से 5 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (ऍफ़डीपी) की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम 2 से 6 जून 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना और उन्हें छात्रों में इनोवेशन व स्टार्टअप की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए सशक्त बनाना है।
चंडीगढ़, 2 जून 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के मैनेजमेंट और ह्यूमैनिटीज़ सेंटर (सीएमएच) द्वारा वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से आज से 5 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (ऍफ़डीपी) की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम 2 से 6 जून 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना और उन्हें छात्रों में इनोवेशन व स्टार्टअप की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए सशक्त बनाना है।
उद्घाटन समारोह में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ वाधवानी फाउंडेशन के रीजनल मैनेजर श्री अमित सिंह, लीड ट्रेनर एवं एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेटर श्री विशाल नायर, और सीएमएच विभाग के हेड प्रो. अंजु सिंगला भी मंच पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. अंजु सिंगला ने इस ऍफ़डीपी की रूपरेखा और उद्देश्य साझा किए। उन्होंने बताया कि आज के छात्रों के समग्र विकास के लिए उद्यमिता की सोच और प्रबंधन कौशल बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “उद्यमिता एक सोच है—जो इंसान को लचीला बनाती है, समस्या सुलझाने की क्षमता देती है और उसे नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाती है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम 'विकसित भारत @2047' के विज़न और पंजाब के माननीय राज्यपाल द्वारा आरंभ किए गए स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देने की दिशा में एक कदम है।
श्री अमित सिंह, जो इस अवसर पर मुख्य वक्ता थे, ने कुछ प्रेरणादायक उद्यमियों की कहानियाँ साझा कीं और बताया कि कैसे एक विचार लाखों लोगों के लिए रोजगार का माध्यम बन सकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटाइजेशन और स्किल-बेस्ड लर्निंग आज के समय की ज़रूरत है।
इसके बाद, श्री विशाल नायर ने बेहद दिलचस्प अंदाज़ में प्रतिभागियों को उद्यमिता की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने वाधवानी फाउंडेशन के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे एआई को-पायलट, वेंचर जर्नी, M1/M2/M3 रिव्यूज़, मेंटरिंग और इकोसिस्टम कनेक्ट की जानकारी दी और बताया कि किस तरह ये टूल्स नए उद्यमियों को गाइड और सपोर्ट करते हैं।
प्रो. राजेश कुमार भाटिया, निदेशक, पेक ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए वाधवानी फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “अगर हम कुछ नया करना चाहते हैं, तो हमें शुरुआत करने से हिचकना नहीं चाहिए। आज के शिक्षक कल की इनोवेशन के मार्गदर्शक हैं। हमें खुद को भी उद्यमिता के क्षेत्र में शुरुआती मानकर आगे बढ़ना होगा।”
इस 5 दिवसीय ऍफ़डीपी में प्रतिभागियों को कई विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें वेंचर टर्म फॉर्मेशन, सोल्युशन आईडिया जेनेरेशन, प्रतियोगिता का विश्लेषण, स्टार्टअप आइडिया का मूल्यांकन, प्रोटोटाइप विकास और अवसर आकलन, बिज़नेस मॉडलिंग, मार्केटिंग और सेल्स रणनीति, वेंचर की व्यवहार्यता, पेडागॉजी डेमो क्लासेस आदि शामिल हैं।
कार्यक्रम का समापन डॉ. निधि तंवर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। पहले दिन का यह सत्र प्रेरणादायक रहा और सभी प्रतिभागियों में उत्साह भर गया। आने वाले चार दिन इनोवेशन, डिस्कशन और नई सीख से भरपूर रहने वाले हैं।
