वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दलजीत अजनोहा ने नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का किया दौरा

नूरमहल- प्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दलजीत अजनोहा ने आज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस), नूरमहल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की वरिष्ठ संत स्वामी गिरधरानंद जी महिलाज से विशेष मुलाकात की।

नूरमहल- प्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दलजीत अजनोहा ने आज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस), नूरमहल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की वरिष्ठ संत स्वामी गिरधरानंद जी महिलाज से विशेष मुलाकात की।
इस दौरान संस्थान द्वारा चलाए जा रहे आध्यात्मिक, सामाजिक एवं पर्यावरण संबंधी कार्यों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। स्वामी जी ने कहा कि संस्थान नशा मुक्ति, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, युवा मार्गदर्शन एवं आध्यात्मिक जागृति जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
डॉ. अजनोहा ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “एक सौहार्दपूर्ण, शांतिपूर्ण एवं जागरूक समाज के निर्माण में ऐसी संस्थाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।”
बैठक के दौरान संस्थान द्वारा चलाए जा रहे विशेष प्रोजेक्ट विलुप्त पौधों को पुनर्जीवित करने की अवधारणा पर भी चर्चा की गई। स्वामी गिरधरानंद जी के नेतृत्व में संस्थान के आश्रम में करीब 2 एकड़ भूमि पर 800 से अधिक दुर्लभ एवं लुप्तप्राय पौधे रोपे गए हैं। 
इन पौधों में फालसा, अगरुड़, केला, खजूर, नीम, बोहर, करीर, सुहांजना, महुआ, रुद्राक्ष, बेल, चंदन, हरड़ और अमलतास जैसी ऐतिहासिक, आयुर्वेदिक एवं धार्मिक महत्व की प्रजातियां शामिल हैं। स्वामी जी ने कहा, "जो पौधे कभी हमारी धरती की शान थे, वे अब हमारी यादों में भी नहीं हैं। हमारा प्रयास प्रकृति की इस लुप्त हो रही संपदा को फिर से जीवन देना है, ताकि पर्यावरण का संतुलन बना रहे और मानवता का कल्याण हो सके।" 
परियोजना के तहत पौधों के बीच खूबसूरत रास्ते बनाए जा रहे हैं, ताकि लोग इन लुप्तप्राय जैविक धरोहरों को करीब से देख सकें। भविष्य में ये पौधे संस्थान की नर्सरी का हिस्सा बनेंगे। यह पहल न केवल पर्यावरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, बल्कि समाज के लिए एक कल्याणकारी उदाहरण भी साबित होगी। स्वामी जी ने इस अभियान को “एक आध्यात्मिक और सामाजिक आंदोलन” कहा।