
पहलगाम हत्याकांड और देश में फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ विभिन्न उग्रवादी संगठनों ने किया प्रदर्शन
गढ़शंकर, 1 मई- पहलगाम हत्याकांड और देश में फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ गढ़शंकर के विभिन्न उग्रवादी संगठन गांधी पार्क में एकत्र हुए और कश्मीर के पहलगाम हत्याकांड में आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के बाद शहर में प्रदर्शन किया और मांग की कि पहलगाम हत्याकांड की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि इसके पीछे की साजिश और कारणों का पता लगाया जा सके और सच्चाई लोगों के सामने लाई जा सके।
गढ़शंकर, 1 मई- पहलगाम हत्याकांड और देश में फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ गढ़शंकर के विभिन्न उग्रवादी संगठन गांधी पार्क में एकत्र हुए और कश्मीर के पहलगाम हत्याकांड में आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के बाद शहर में प्रदर्शन किया और मांग की कि पहलगाम हत्याकांड की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि इसके पीछे की साजिश और कारणों का पता लगाया जा सके और सच्चाई लोगों के सामने लाई जा सके।
इस अवसर पर विभिन्न प्रदर्शनकारी संगठनों के नेता मुकेश कुमार, कुलभूषण महिंदवानी, हरमेश ढेसी, दर्शन सिंह मट्टू, मक्खन सिंह मोइला वहदपुरी, महिंदर सिंह बधोआं व प्रिंसिपल बिक्कर सिंह व हंसराज गढ़शंकर ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी सेना जम्मू-कश्मीर में तैनात कर रखी है, तथा चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात है, फिर भी इतना बड़ा आतंकी हमला हो जाता है, वह भी ऐसी जगह जहां देश-दुनिया से पर्यटक घूमने आते हैं, तो यह हमला सुरक्षा के मामले में भारी खामियों का सवाल खड़ा करता है। दूसरा गोदी मीडिया लगातार हिंदू मुस्लिम का मामला बनाने के लिए आग को हवा दे रहा है। जिसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
क्योंकि ऐसे नफरत भरे भाषणों के कारण ही देश में कश्मीरी छात्रों व मुस्लिम लोगों पर हमले बढ़े हैं। इन हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इस अवसर पर नेताओं ने मांग की कि भारत-पाक के बीच बन रहे युद्ध के माहौल को समाप्त कर आपसी बातचीत शुरू की जाए, जम्मू-कश्मीर का मसला सैन्य तरीके से नहीं बल्कि राजनीतिक तरीके से सुलझाया जाए, पहलगाम में हुई घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच करवाई जाए, भारत-पाक द्वारा एक-दूसरे पर लगाई गई पाबंदियां तुरंत हटाई जाएं तथा आपसी व्यापार खोला जाए।
इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के नेता सुखदेव डांसवाल, दविंदर महिंदवानी, परमजीत चौहरा, डॉ. जोगिंदर कुलेवाल, जरनैल सिंह, अमरजीत बांगर, परमानंद, बीबी शुभाष मट्टू, शाम सुंदर, गुरमेल सिंह, सतनाम सिंह पीटीआई, राम जी दास चौहान, डॉ. लखविंदर बिल्लौं, कश्मीर सिंह भज्जल, लाल सिंह अलीपुर, बलवंत राम, शिगारा राम भज्जल, मनजीत सिंह बंगा, गुरनाम सिंह, हरभजन सिंह गुलपुर, मा. मनदीप सिंह व गुरमीत वाहिदपुर आदि मौजूद थे।
