
गढ़शंकर के जन संगठनों के संयुक्त मोर्चे द्वारा मई दिवस मनाया गया
गढ़शंकर- गढ़शंकर के जन संगठनों के संयुक्त मोर्चे द्वारा मक्खन सिंह वाहिदपुरी, कुलभूषण कुमार, लाख सरूप चंद, अमरीक सिंह व शर्मिला रानी के नेतृत्व में दर्शन सिंह कैनेडियन हॉल में मई दिवस मनाया गया। गगनभेदी नारों की गूंज के बीच लाल झंडा फहराने की रस्म वरिष्ठ नेता रवि कुमार भट्ट ने अदा की।
गढ़शंकर- गढ़शंकर के जन संगठनों के संयुक्त मोर्चे द्वारा मक्खन सिंह वाहिदपुरी, कुलभूषण कुमार, लाख सरूप चंद, अमरीक सिंह व शर्मिला रानी के नेतृत्व में दर्शन सिंह कैनेडियन हॉल में मई दिवस मनाया गया। गगनभेदी नारों की गूंज के बीच लाल झंडा फहराने की रस्म वरिष्ठ नेता रवि कुमार भट्ट ने अदा की।
इस समय वक्ताओं ने मई दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा मई दिवस के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वक्ताओं ने कहा कि शहीदों की कुर्बानियों के कारण मजदूर वर्ग को जो सुविधाएं मिली थीं, आज पूंजीवादी व्यवस्था फिर से उन सुविधाओं को छीन रही है। उन्होंने श्रम कानूनों को निरस्त कर दिया है तथा मजदूर विरोधी काले कानून लागू कर दिए हैं। निजी क्षेत्र में मजदूरों व कर्मचारियों को अल्प वेतन पर 15-15 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
सरकारें सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म करके निजी क्षेत्र का विस्तार कर रही हैं तथा निजी क्षेत्र को मजदूर वर्ग का शोषण करने की पूरी आजादी दे रही हैं। मजदूर वर्ग अपने अधिकारों की रक्षा अपनी सांगठनिक एकता के माध्यम से ही कर सकता है। आज समय की मांग है कि मेहनतकश लोगों की एक बड़ी एकता बनाई जाए ताकि पूंजीवाद द्वारा मेहनतकश लोगों पर किए जा रहे हमले को हराया जा सके।
आज की सभा ने पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार तत्वों को सख्त सजा देने की मांग की। इसके साथ ही इस घटना के बहाने सांप्रदायिक ताकतों द्वारा देश में नफरत का माहौल पैदा करने की कोशिश की कड़ी निंदा की गई और लोगों से अपनी सांप्रदायिक एकता को मजबूत करने की अपील की गई।
इस समय शाम सुंदर कपूर, मास्टर राज कुमार, जीत बगवाई, लेक सरूप चंद, प्रिंसिपल बिक्कर सिंह, प्रिंसिपल जगदीश राय, रणजीत पोसी, शिंगारा राम भज्जल, ज्ञानी अवतार सिंह, शर्मिला रानी, जसविंदर कौर, मनजीत कौर, निर्मला, गुरनाम हाजीपुर, हरमेश कुमार, रमन सिंह, विनोद कुमार, जगदीश पखोवाल, पवन कुमार, गोपी राम, जोगिंदर सिंह, हरभजन सिंह, गुरनीत कुमार, जसविंदर सिंह और गुरदीप बेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
