
फल और सब्जियों के नुकसान और बर्बादी को रोकने के लिए बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम की आवश्यकता- हरचंद सिंह बरसट
मोहाली, 20 जून, 2025- स. हरचंद सिंह बरसट चेयरमैन कौसांब और चेयरमैन पंजाब मंडी बोर्ड ने फूड लॉस एंड वेस्ट इन फ्रूट एंड वेजिटेबल होलसेल मार्किट विषय पर कूर्ग (कर्नाटक) में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और फसल की उपज के बाद संभाल और उपभोक्ताओं तक सही ढंग से पहुंचाने पर जोर दिया।
मोहाली, 20 जून, 2025- स. हरचंद सिंह बरसट चेयरमैन कौसांब और चेयरमैन पंजाब मंडी बोर्ड ने फूड लॉस एंड वेस्ट इन फ्रूट एंड वेजिटेबल होलसेल मार्किट विषय पर कूर्ग (कर्नाटक) में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और फसल की उपज के बाद संभाल और उपभोक्ताओं तक सही ढंग से पहुंचाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि किसान बहुत ही मेहनत से फसल की पैदावार करता है। इस दौरान जितना ध्यान फसल का रखा जाता है, उससे अधिक ध्यान फसल की संभाल और लोगों तक सही ढंग से पहुंचाने पर देने की जरूरत है, क्योंकि सही ढंग से संभाल न होने के कारण लगभग 25-30 प्रतिशत तक वह मेहनत व्यर्थ चली जाती है। इसलिये यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है।
हमारे देश की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम की आवश्यकता है, फिर बात चाहे अनाज की हो या फलों एवं सब्जियों की। फल और सब्जियों को जब मंडियों में ले जाया जाता है, तो वहीं से उसकी वेसटेज शुरू हो जाती है। सब्जियों को बोरियों में भरकर वाहनों में रखा जाता है और यहीं से ही फसल की वेसटेज शुरू होती है और वही मंडियों से लोगों के घरों तक पहुंचती है। उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है कि इस बात पर विस्तार से चर्चा की जाए कि किस प्रकार से फसल की विशेष संभाल करनी है और उसे किस तरह के वाहन में ले जाया जाए।
स. बरसट ने कहा कि भारत को आज़ाद हुए इतने साल हो गए हैं, लेकिन आज भी यह स्टैटिक्स उपलब्ध नहीं हैं कि किस राज्य में कौन-सी फसल कितनी मात्रा में पैदा होती है और किस राज्य से किस फसल को कितनी मात्रा में दूसरे राज्यों में लोगों की आवश्यकता के अनुसार भेजा जाना चाहिए। इस मुद्दे को मेरी तरफ से पहले ही उठाया जा चुका है, जिस को मुख्त रखते हुए वरिष्ठ और माहिर व्यक्तियों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने की जरूरत है।
ताकि पूरे भारत के प्रोडक्शन होल्ड, चाहे वह सब्जी हो, फल हो या कोई अन्य फसल, के बारे में अध्ययन हो सके, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस किसम की फसल किस राज्य में बेहतर होती है और किस राज्य को किस फसल की कितनी आवश्यकता है और केंद्र सरकार द्वारा वैज्ञानिक आधार पर राज्य सरकारों को दिशानिर्देश दिया जाए कि आपके क्षेत्र में इस फसल, फल या सब्जी की उपज बेहतर होती है, इसलिए इसकी पैदावार की जाए और तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि जिन राज्यों में फल, सब्जियों या फसलों की उपज हो रही है, वहां उनकी सही संभाल नहीं हो रही और न तो स्टोरेज, न ट्रांसपोटेशन और न ही कोई ऐसे स्टैटिक्स हैं, जिससे यह पता चल सके कि कौन-सा उत्पाद किस राज्य से कहां भेजा जाना है। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा कोई सिस्टम नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस नेशनल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बहुत अच्छे सुझाव सामने आएंगे, जो सभी के लिए लाभदायक होंगे।
