“स्क्रैप से सॉल्यूशन” – सतत इंजीनियरिंग की एक प्रेरणा

चंडीगढ़, 01 मई 2025: भारतीय धातु संस्थान (आईआईएम) - पेक स्टूडेंट चैप्टर ने मैटालर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के सहयोग से एक दिवसीय मेटॉलिम 2025 कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस वर्ष का थीम "स्क्रैप टू सॉल्यूशन" रखा गया, जिसके माध्यम से इनोवेशन, स्थिरता और पुनर्चक्रण (रीसाइकिलेबिलिटी) को उत्सव की तरह मनाया गया।

चंडीगढ़, 01 मई 2025: भारतीय धातु संस्थान (आईआईएम) - पेक स्टूडेंट चैप्टर ने मैटालर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के सहयोग से एक दिवसीय मेटॉलिम 2025 कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस वर्ष का थीम "स्क्रैप टू सॉल्यूशन" रखा गया, जिसके माध्यम से इनोवेशन, स्थिरता और पुनर्चक्रण (रीसाइकिलेबिलिटी) को उत्सव की तरह मनाया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य था — हरे और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को बढ़ावा देना और छात्रों को वास्तविक जीवन की समस्याओं के लिए टिकाऊ समाधान सोचने के लिए प्रेरित करना। विभिन्न प्रतियोगिताओं और संवादात्मक गतिविधियों ने इस कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और आनंददायक बना दिया।
कार्यक्रम का आयोजन पेक के मैटालर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की देखरेख में हुआ और इसमें पेक के साथ-साथ अन्य संस्थानों से भी छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसने एक सहयोगात्मक और सीखने वाले माहौल को जन्म दिया, जहाँ कॉलेजों की सीमाएँ मिट गईं और विचारों का आदान-प्रदान हुआ। इस साल की थीम "स्क्रैप टू सॉल्यूशन" ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज के समय में मटेरियल्स इंजीनियरिंग में पुनर्चक्रण और हरे इनोवेशन की कितनी ज़रूरत है। हर प्रतियोगिता को इस तरह डिज़ाइन किया गया, कि वह छात्रों की रचनात्मकता, तकनीकी समझ और समस्या-समाधान की क्षमता को उभार सके।

मेटॉलिम 2025 की प्रमुख प्रतियोगिताओं में,
1. ग्रीन मीम चैलेंज: यह एक रचनात्मक और मज़ेदार प्रतियोगिता थी, जिसमें प्रतिभागियों से पर्यावरणीय चुनौतियों, रीसाइक्लिंग और हरित नवाचार पर मीम्स बनाने को कहा गया। हल्के-फुल्के अंदाज़ में इस गतिविधि ने गहरी बात कह दी और छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
2. रीसायकल रिले – क्विज़ प्रतियोगिता: इस जोशीले क्विज़ ने प्रतिभागियों के हरे इंजीनियरिंग ज्ञान, रीसायक्लिंग प्रोसेस और सतत् तकनीकों की समझ को परखा। 50 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें पीईसी के अलावा कई अन्य संस्थानों के विद्यार्थी भी शामिल रहे। इससे प्रतियोगिता की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
3. रीसायक्लोथॉन – फ्लैगशिप प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता: मेटॉलिम 2025 की मुख्य आकर्षण रही यह प्रतियोगिता, जिसमें कुल 8 टीमों ने हिस्सा लिया — 7 पीईसी से और 1 रायात बहरा यूनिवर्सिटी, पंजाब से। हर टीम ने पर्यावरण के अनुकूल समाधान प्रस्तुत किए, जैसे खनिज पुनर्चक्रण, दुर्लभ तत्वों की पुनर्प्राप्ति, बैटरी रीयूज़ और स्वच्छ जल समाधान। सभी प्रस्तुतियाँ पीईसी के विशेषज्ञ फैकल्टी की जजिंग पैनल के सामने रखी गईं, जिन्होंने छात्रों की तकनीकी समझ और नवाचार की प्रशंसा की।
4. मैट रेस – मटेरियल साइंस ट्रेज़र हंट: यह एक रोमांचक और बौद्धिक गतिविधि थी, जहाँ छात्रों को क्लूज़ और पहेलियों के ज़रिए मटेरियल साइंस व स्थिरता से जुड़े तथ्यों को खोजने का मौका मिला। यह गेमफिकेशन के ज़रिए विषय के प्रति रुचि बढ़ाने का एक बेहतरीन प्रयास था।
इस आयोजन में लगभग 150 छात्रों ने भाग लिया, जो पीईसी और रायात बहरा यूनिवर्सिटी जैसे बाहरी संस्थानों से थे। यह इस बात का प्रमाण था कि नवाचार, हरित इंजीनियरिंग और स्थिरता जैसे विषय अब छात्रों के लिए केवल अकादमिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक और प्रेरणादायक भी बन रहे हैं।
मेटॉलिम 2025 की सफलता उन सभी लोगों और संस्थानों के सहयोग के बिना संभव नहीं होती। डॉ. जे.डी. शर्मा, विभागाध्यक्ष, धातुकर्म और सामग्री अभियांत्रिकी विभाग, पीईसी — जिनके मार्गदर्शन और समर्थन ने इस आयोजन को साकार किया। डॉ. किरण लता भास्कर और डॉ. मूलचंद शर्मा — जिन्होंने रीसाइकिलाथोन की जजिंग के लिए अपना कीमती समय और विशेषज्ञता दी। डॉ. कौस्तुभ रमेश कांबले, प्रभारी अधिकारी, आईआईएम-पेक स्टूडेंट चैप्टर — जिनकी देखरेख और मेंटरशिप से कार्यक्रम बिना किसी रुकावट के चला। मनीष शर्मा (सेक्रेटरी, आईआईएम स्टूडेंट चैप्टर, पेक) और शैलेश स्वरूप, मेटॉलिम 2025 के संयोजक — जिनके समर्पण, रचनात्मकता और संगठात्मक क्षमता ने इस आयोजन को असाधारण बनाया। और अंत में, बेस्लोप बिज़नेस सॉलूशन्स प्राइवेट लिमिटिड, गुरुग्राम स्थित एक रिसर्च-ड्रिवन कंपनी को — जिनके प्रायोजन और समर्थन से सतत इंजीनियरिंग प्रैक्टिस को आगे बढ़ाने की यह पहल मजबूत हुई।