उमर ने पंजाब को पानी देने का विरोध किया

चंडीगढ़, 20 जून - जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु जल प्रणाली के जरिए पंजाब को पानी देने का विरोध किया है, जिसके बाद पंजाब में राजनीतिक माहौल फिर गरमा गया है। पंजाब पहले से ही पानी को लेकर किसी न किसी मुद्दे पर पड़ोसी राज्यों के साथ विवाद में रहा है।

चंडीगढ़, 20 जून - जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु जल प्रणाली के जरिए पंजाब को पानी देने का विरोध किया है, जिसके बाद पंजाब में राजनीतिक माहौल फिर गरमा गया है। पंजाब पहले से ही पानी को लेकर किसी न किसी मुद्दे पर पड़ोसी राज्यों के साथ विवाद में रहा है। 
अब जबकि केंद्र सरकार का प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर से अतिरिक्त पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भेजने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाने का है, तो उमर अब्दुल्ला ने नया रुख अपनाया है। 
कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने हाल ही में पंजाब दौरे के दौरान कहा था कि सिंधु जल संधि का पानी उत्तरी राज्यों को दिया जाएगा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय पिछले कुछ समय से नई नहर बनाने का प्रस्ताव बना रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उनके पास खुद पानी नहीं है और वह पंजाब को पानी क्यों देंगे। 
अब्दुल्ला ने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं होने देंगे। उन्होंने दलील दी कि जम्मू में पहले से ही सूखे जैसे हालात हैं। अब्दुल्ला ने शाहपुर कंडी बांध का जिक्र किया, जो पाकिस्तान की ओर पानी के प्रवाह को रोकने के लिए रावी नदी पर बनाया गया था। पंजाब सरकार ने अभी तक अपने रुख पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जबकि शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का रुख पंजाब के साथ अन्याय करने का एक और प्रयास है। 
शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र सरकार से सिंधु संधि के पानी के बंटवारे के दौरान तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पंजाब के साथ किए गए ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने की अपील की है। पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने नदी के पानी का बड़ा हिस्सा गैर-तटीय राज्य राजस्थान को देकर पंजाब के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया था। 
उन्होंने कहा कि जब भी नदियों का पानी छीना जाता है, तो पंजाब के साथ ही अन्याय होता है। चीमा ने कहा कि पंजाब ने देश के खाद्यान्न के लिए अपना भूजल खो दिया और अब नदियों में पानी की मात्रा काफी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंजाब को सिंधु जल संधि परियोजना से अतिरिक्त पानी मिले। चीमा ने उमर अब्दुल्ला से भी ऐसे खतरनाक बयान न देने की अपील की है।