पेक चंडीगढ़ में आयोजित हुआ 'स्वयं प्रभा जागरूकता सत्र'

चंडीगढ़, 01 मई 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा 29 अप्रैल 2025 को एक प्रभावशाली ‘स्वयं प्रभा जागरूकता सत्र’ का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों को स्वयं प्रभा डीटीएच शैक्षणिक मंच से जुड़ने और उसमें योगदान देने के लिए प्रेरित करना था।

चंडीगढ़, 01 मई 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा 29 अप्रैल 2025 को एक प्रभावशाली ‘स्वयं प्रभा जागरूकता सत्र’ का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों को स्वयं प्रभा डीटीएच शैक्षणिक मंच से जुड़ने और उसमें योगदान देने के लिए प्रेरित करना था।
इस सत्र का समन्वय डॉ. टी. के. जिंदल, कार्यवाहक विभागाध्यक्ष (एयरोस्पेस इंजीनियरिंग) और डॉ. प्रभजीत सिंह, सहायक प्रोफेसर, ने मिलकर किया। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर से स्वयं प्रभा टीम के प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, सुश्री माधवी राय और श्री आकाश यादव ने शिरकत की और एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। उन्होंने मंच की संरचना, उद्देश्य और उसमें उपलब्ध अवसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को यह भी बताया कि वे इस राष्ट्रीय शिक्षा मंच पर अपने पाठ्यक्रम कैसे तैयार करें और उन्हें प्रभावी ढंग से संचालित करें।
इस आयोजन में गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज (जीएनडीईसी), लुधियाना के शिक्षकगण भी सक्रिय रूप से जुड़े। कॉलेज से श्री लखवीर सिंह खना और डॉ. हरमीत सिंह (प्रोफेसर एवं प्रमुख, मैकेनिकल इंजीनियरिंग) ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, जबकि जीएनडीईसी के प्रिंसिपल डॉ. सहजपाल सिंह और महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, बठिंडा के कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल के निदेशक डॉ. बलविंदर सिंह सिद्धू ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर अपनी सहभागिता दी।
पेक के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ शिक्षक — डॉ. संजीव कुमार (हेड, मेकैनिकल), डॉ. सरबजीत सिंह, डॉ. हर्षित, डॉ. सुशील और डॉ. कमल कुमार — ने भी सत्र में भाग लिया। साथ ही, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने वर्चुअली उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
सत्र का समापन एक ऊर्जावान चर्चा और संवाद के साथ हुआ, जिसमें शिक्षकों ने इस बात पर विचार साझा किया कि एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ किस प्रकार स्वयं प्रभा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा देशभर में पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।