व्यक्तित्व निर्माण में बाल साहित्य की अहम भूमिका - पंडित बहादुर सिंह गोसल

माहिलपुर- बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में बाल साहित्य की अहम भूमिका होती है। यह विचार विश्व पंजाबी प्रचार सभा चंडीगढ़ के अध्यक्ष एवं प्रख्यात बाल साहित्य लेखक पंडित बहादुर सिंह गोसल ने करुंबलां भवन, महलपुर में आयोजित एक साहित्यिक समागम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने बच्चों को उनकी आयु के अनुसार किताबें और बाल पत्रिकाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

माहिलपुर- बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में बाल साहित्य की अहम भूमिका होती है। यह विचार विश्व पंजाबी प्रचार सभा चंडीगढ़ के अध्यक्ष एवं प्रख्यात बाल साहित्य लेखक पंडित बहादुर सिंह गोसल ने करुंबलां भवन, महलपुर में आयोजित एक साहित्यिक समागम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने बच्चों को उनकी आयु के अनुसार किताबें और बाल पत्रिकाएं उपलब्ध करानी चाहिए। 
बाल साहित्य पढ़ने वाले बच्चे हमेशा विचारशील और बुद्धिमान बनते हैं। लोकप्रिय बाल पत्रिका निक्कियां करुंबलां पंजाबी की एकमात्र बाल पत्रिका है जिसे पूरी दुनिया में पढ़ा जाता है, यही कारण है कि इसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। इस महान कार्य के लिए माहिलपुर को बड़े सम्मान से बुलाया जाता है। 
तीन दशकों से बाल साहित्य के सृजन, संपादन, प्रकाशन और अनुवाद से जुड़े बलजिंदर मान ने बाल साहित्य की दुनिया में अहम योगदान दिया है। जिसके लिए पंजाबी जगत उन पर गर्व महसूस करता है। इस साहित्यिक समागम का आयोजन प्रगतिशील लेखक संघ इकाई माहिलपुर द्वारा प्रधान सरबजीत सिंह, जीवन चंदेली, परमजीत कातिब, रघुवीर सिंह कलोया तथा प्रधान मनजीत कौर के नेतृत्व में किया गया। 
इस अवसर पर प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल की साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए लेखक जगजीत सिंह गणेशपुर ने कहा कि प्रिंसिपल गोसल ने अब तक 106 पुस्तकें रचकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी 70 से अधिक पुस्तकें बच्चों के साहित्य तथा इतिहास से संबंधित हैं। उनके शोध कार्यों पर कई विद्यार्थी डिग्रियां प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर सुर संगम एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। 
जगतार सिंह योग ने अपने गीतों से साहित्यिक समागम में शानदार उपस्थिति दर्ज कराई। बब्बू माहिलपुरी ने माहिलपुर के संगीत योगदान पर चर्चा की। इस अवसर पर बग्गा सिंह आर्टिस्ट, चंचल सिंह बैंस, हरभजन सिंह काहलों, सुखमन सिंह, हरवीर मान, प्रीत नीतपुरी, हरमनप्रीत कौर, निधि अमन सहोता, कुलदीप कौर बैंस सहित साहित्य प्रेमी तथा बच्चे शामिल हुए। 
तनवीर मान ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमें अपनी नई पीढ़ी की जड़ों को रोचक बाल साहित्य से पोषित करना चाहिए ताकि वे भविष्य के आदर्श नागरिक बन सकें।