बाढ़ के दौरान जान बचाने के तरीके सभी के लिए जरूरी - वर्मा

पटियाला, 8 जुलाई- हर साल बाढ़ के दौरान सैकड़ों, हजारों लोग पानी में डूबने से मर जाते हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग भी पहले से तैयारी नहीं करते। यह विचार प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता मिशन के मुख्य प्रशिक्षक एवं भारत सरकार के आपदा प्रबंधन नागरिक सुरक्षा प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ श्री काका राम वर्मा ने नेशनल हाई स्कूल पटियाला में विद्यार्थियों व अध्यापकों को वीडियो यूट्यूब के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि नदियों, नहरों या जलाशयों में डूब रहे बच्चों, युवाओं या लोगों को बचाने के लिए रस्सी, पगड़ी, नीबू, पेड़ की टहनियां, हवा से भरी पुरानी ट्यूब, बड़ी बोतलें, बंद ढक्कन वाली कोल्ड

पटियाला, 8 जुलाई- हर साल बाढ़ के दौरान सैकड़ों, हजारों लोग पानी में डूबने से मर जाते हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग भी पहले से तैयारी नहीं करते। यह विचार प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता मिशन के मुख्य प्रशिक्षक एवं भारत सरकार के आपदा प्रबंधन नागरिक सुरक्षा प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ श्री काका राम वर्मा ने नेशनल हाई स्कूल पटियाला में विद्यार्थियों व अध्यापकों को वीडियो यूट्यूब के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि नदियों, नहरों या जलाशयों में डूब रहे बच्चों, युवाओं या लोगों को बचाने के लिए रस्सी, पगड़ी, नीबू, पेड़ की टहनियां, हवा से भरी पुरानी ट्यूब, बड़ी बोतलें, बंद ढक्कन वाली कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है।
 उन्होंने बताया कि डूबते हुए व्यक्ति के गले में रस्सी, पगड़ी या जगह-जगह गांठ लगे कपड़े का टुकड़ा, डंडा, टहनियां, प्लास्टिक की कुर्सी, स्टूल, चप्पल बांध देनी चाहिए तथा रस्सी का दूसरा सिरा पेड़ या दीवार से बांध देना चाहिए। 
इनके माध्यम से डूबते हुए व्यक्ति किनारे तक पहुंच सकते हैं। काका राम वर्मा ने बताया कि पीड़ित को पानी से बाहर निकालने के बाद उसे किसी गमले, बाल्टी या फूलदान पर या जमीन पर पेट के बल (वेंटिलेटर पोजीशन में) लटका दें तथा अपने दोनों हाथ उसके पेट के नीचे रखें तथा पीड़ित के पेट को ऊपर-नीचे करते रहें ताकि पानी उसकी श्वास नली से बाहर निकल जाए। 
उसे पानी न दें, अपने हाथों से उसके पैरों की मालिश न करें, उसके सिर व चेहरे पर पानी न छिड़कें। उसे पैरों से छाती तक कंबल में लपेट कर रखें। यदि अस्पताल ले जा रहे हैं तो पीड़ित को हमेशा वेंटिलेटर पोजीशन में यानि पेट के बल लिटाकर ले जाना चाहिए ताकि उसकी श्वास नली बंद न हो। 
प्रिंसिपल पूनमदीप कौर होती, स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों व युवाओं को इस तरह के प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए, जिसके लिए प्रशासन व पुलिस को काका राम वर्मा की सेवाएं लेनी चाहिए।