
पंजाबी यूनिवर्सिटी में थिएटर फेस्टिवल के चौथे दिन 'श्रद्धा सुमन' का मंचन
पटियाला, 6 दिसंबर- सार्थक रंगमंच एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी, पटियाला द्वारा युवा कल्याण विभाग एवं पंजाब संगीत अकादमी चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित किए जा रहे 10वें नोरा रिचर्ड्स थिएटर फेस्टिवल के चौथे दिन युवा रंगमंच द्वारा नाटक 'श्रद्धा सुमन' प्रस्तुत किया गया, जिसका निर्देशन डॉ. अंकुर शर्मा ने किया। नाटक श्रद्धा सुमन गिरीश कर्नाड की कहानी का नाट्य रूपांतरण है।
पटियाला, 6 दिसंबर- सार्थक रंगमंच एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी, पटियाला द्वारा युवा कल्याण विभाग एवं पंजाब संगीत अकादमी चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित किए जा रहे 10वें नोरा रिचर्ड्स थिएटर फेस्टिवल के चौथे दिन युवा रंगमंच द्वारा नाटक 'श्रद्धा सुमन' प्रस्तुत किया गया, जिसका निर्देशन डॉ. अंकुर शर्मा ने किया। नाटक श्रद्धा सुमन गिरीश कर्नाड की कहानी का नाट्य रूपांतरण है।
इसमें दिखाया गया है कि एक दोषी व्यक्ति, चाहे वह खुद को कितना भी निर्दोष साबित कर ले, हमेशा गहराई से जानता है कि वह एक दोषी व्यक्ति है। वह कभी भी अपनी अंतरात्मा से छुटकारा नहीं पा सकता। नाटक में डॉ. अंकुर शर्मा, विशेष अरोड़ा, निधि चुघ, दिव्यांशु, सिमर, प्रिंकल हंस और इबादत मंड ने अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाईं। जीवन और उत्तम ने नाटक का संगीत और लाइट का संचालन किया। फेस्टिवल डायरेक्टर डॉ. इंद्रजीत गोल्डी ने आए हुए मेहमानों और दर्शकों का आभार जताया।
सुबह के फेस-टू-फेस सेशन में पंजाबी रंगमंच और फिल्म अभिनेत्री रूपिंदर रूपी और उनकी जोड़ीदार भूपिंदर बरनाला ने दर्शकों के साथ अपने रंगमंच और फिल्मी सफर की यादें साझा कीं और दर्शकों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि हर सफलता के पीछे एक लंबा संघर्ष होता है। एक महिला के लिए अपने काम और घरेलू जीवन में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए पति-पत्नी का सहयोग बहुत जरूरी है। हर काम में धैर्य और संतोष मंजिल तक पहुंचने में मदद करता है। इस सेशन के अंत में दोनों ने पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रूसी लेखक बोरिस पोलोवी द्वारा लिखित पुस्तक 'द स्टोरी ऑफ ए रियल पर्सन' का विमोचन किया।
