जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूलों में मध्याह्न भोजन व साफ-सफाई की जांच की

नवांशहर, 25 अप्रैल:- सरकारी स्कूलों में चल रहे मिड-डे मील के तहत लड़कियों और लड़कों के शौचालय, किचन शेड और स्कूलों की साफ-सफाई की जांच की। जांच के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है, अगर बच्चे स्वस्थ होंगे तो वे अपनी पढ़ाई बेहतर तरीके से कर सकेंगे. इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

नवांशहर, 25 अप्रैल:- सरकारी स्कूलों में चल रहे मिड-डे मील के तहत लड़कियों और लड़कों के शौचालय, किचन शेड और स्कूलों की साफ-सफाई की जांच की। जांच के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है, अगर बच्चे स्वस्थ होंगे तो वे अपनी पढ़ाई बेहतर तरीके से कर सकेंगे. इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक एवं स्वादिष्ट भोजन देना हम सभी का प्राथमिक कर्तव्य है। सरकार ने बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए सप्ताह में एक दिन ताजा फल और खीर देने की व्यवस्था की है. इसलिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रतिदिन सरकार के निर्देश एवं मीनू के अनुसार ही भोजन बनायें. उन्होंने स्कूल मुखियाओं को यह भी निर्देश दिए कि बच्चों के खाने-पीने का राशन साफ-सुथरे और उच्च गुणवत्ता वाले ड्रमों में रखा जाए। धुली हुई दालों के स्थान पर छिलके वाली दालों का प्रयोग करें। दालों को कीड़ों से बचाने के लिए उन्हें सप्ताह में एक बार धूप अवश्य दिखानी चाहिए। उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान बच्चों के शौचालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया क्योंकि शौचालयों की साफ-सफाई न होने से छोटे बच्चों को बीमारियाँ अधिक होती हैं।
इसके अलावा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्कूलों में बने मतदान केंद्रों का भी निरीक्षण किया गया. जहां रैम्प या प्रकाश की व्यवस्था उचित नहीं थी, उसे तत्काल मौके पर ही ठीक कराया गया तथा विद्यालय प्राचार्यों को मतदान केन्द्रों की साफ-सफाई एवं पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मिशन संपत के तहत बच्चों को रिडेम्पटिव टेस्ट दिया गया. उन्होंने शिक्षकों को पूरी ईमानदारी और मेहनत से बच्चों को पढ़ाने की हिदायत भी दी।