*अस्पताल सेवाएं फिर हो सकती हैं प्रभावित

नवांशहर- पिछले साल सितंबर माह में पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में मेडिकल अफसरों ने अपनी जायज मांगों सुरक्षा और पदोन्नति को लेकर प्रदर्शन किया था, जिस दौरान ओपीडी सेवाएं बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। 14 सितंबर को पंजाब भवन में मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्री पंजाब ने मीडिया के सामने आकर वादा किया था कि उनकी मांगें मान ली गई हैं और तीन सप्ताह के अंदर उन्हें पूरा कर दिया जाएगा।

नवांशहर- पिछले साल सितंबर माह में पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में मेडिकल अफसरों ने अपनी जायज मांगों सुरक्षा और पदोन्नति को लेकर प्रदर्शन किया था, जिस दौरान ओपीडी सेवाएं बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। 14 सितंबर को पंजाब भवन में मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्री पंजाब ने मीडिया के सामने आकर वादा किया था कि उनकी मांगें मान ली गई हैं और तीन सप्ताह के अंदर उन्हें पूरा कर दिया जाएगा।
सरकारी डॉक्टरों की एसोसिएशन द्वारा दिए गए आश्वासन पर उन्होंने प्रदर्शन खत्म कर अपनी सेवाएं शुरू कर दी थीं, लेकिन सरकार द्वारा तय समय में दोनों मुद्दों पर कुछ न किए जाने के कारण पंजाब भर में मेडिकल अफसरों में भारी रोष है और कई जगहों पर कई विशेषज्ञ सरकारी सेवाओं से इस्तीफा देकर अस्पताल छोड़ रहे हैं। इसको देखते हुए डाक्टर्स एसोसिएशन ने पंजाब सरकार को फिर से चेतावनी दी है कि डाक्टर नहीं चाहते कि मरीजों को परेशानी हो, इसलिए सरकार सुरक्षा और करियर में तरक्की दोनों मुद्दों पर हुए समझौते को समय रहते पूरा करे, अन्यथा उनके पास 20 जनवरी 2025 से दोबारा ओपीडी सेवाएं बंद करके धरना देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। 
एसोसिएशन ने अगली नीति को लेकर 12 जनवरी को अपनी सभी जिला इकाइयों की बैठक भी बुलाई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमारी एसोसिएशन लोगों के हित में काम करने वाली संस्था है। अस्पतालों में सुरक्षा केवल डाक्टरों के लिए ही नहीं, बल्कि हर स्टाफ और आने वाले मरीजों के लिए भी जरूरी है, क्योंकि मरीजों का सामान चोरी होने की घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड होने चाहिए। इसी तरह डाक्टरों के करियर में तरक्की न होने के कारण अच्छे और समझदार डाक्टर सरकारी अस्पताल छोड़कर निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे हैं। 
यह सरकार की नाकामी है कि वह न तो पुराने कार्यरत डाक्टरों को रख पा रही है और न ही नई भर्ती हुए डाक्टरों को ज्वाइन करवा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करते हुए पटियाला जिले के 304 मेडिकल अफसरों को नियुक्ति पत्र दिए थे, जिनकी ज्वाइनिंग की आज अंतिम तिथि थी, लेकिन जानकारी के अनुसार एक तिहाई डॉक्टरों ने नौकरी ज्वाइन नहीं की, क्योंकि सरकार स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल अफसरों की सेवा शर्तों में कोई सुधार नहीं कर रही है। पदोन्नति के अवसर न मिलने के कारण पहले से चल रही 4-9-14 वर्ष व कैरियर प्रोग्रेसन की स्कीम को भी बिना किसी कारण के बंद कर दिया गया है।
 पीसीएमएस मेडिकल अफसरों ने अभी भी उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य प्रशासनिक सचिव समय रहते वित्त विभाग से जरूरी मंजूरियां ले लेंगे, ताकि किसी हड़ताल की जरूरत न पड़े, लेकिन अगर सरकार ने 20 तारीख तक इस संबंध में कुछ नहीं किया तो पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में संयुक्त हड़ताल की जाएगी। इस अवसर पर पीसीएस एसोसिएशन शहीद भगत सिंह नगर के पदाधिकारी डॉ. सतविंदरपाल सिंह अध्यक्ष, डॉ. हरपिंदर सिंह महासचिव, डॉ. निर्मल कुमार उपाध्यक्ष, डॉ. अजय बसरा आदि मौजूद थे।