योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा के सामंजस्य का विज्ञान है

होशियारपुर- "सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:" - यह प्राचीन वैदिक आह्वान केवल प्रार्थना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है, जो सांसारिक सुख और कल्याण की भावना को व्यक्त करता है। इस उदात्त भावना को क्रियान्वित करने के अनेक प्रभावी साधनों में से एक है दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और सेंचुरी प्लाईबोर्ड द्वारा चेयरमैन पद्मश्री सज्जन भजनका और श्री प्रेम भजनका के मार्गदर्शन में आयोजित योग शिविर।

होशियारपुर- "सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:" - यह प्राचीन वैदिक आह्वान केवल प्रार्थना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है, जो सांसारिक सुख और कल्याण की भावना को व्यक्त करता है। इस उदात्त भावना को क्रियान्वित करने के अनेक प्रभावी साधनों में से एक है दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और सेंचुरी प्लाईबोर्ड द्वारा चेयरमैन पद्मश्री सज्जन भजनका और श्री प्रेम भजनका के मार्गदर्शन में आयोजित योग शिविर।
 जिसमें नूरमहल से पधारे दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के योगाचार्य स्वामी मोहनपुरी जी ने योग के महत्व को समझाते हुए कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा के सामंजस्य का विज्ञान है। जो व्यक्ति को आंतरिक शांति और बाहरी दुनिया के साथ संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, जहां तनाव और चिंताएं जीवन का हिस्सा बन गई हैं, ऐसे योग शिविर संजीवनी बूटी की तरह काम करते हैं। ये शिविर लोगों को ऐसा माहौल देते हैं, जहां वे शहरी भागदौड़ से दूर प्रकृति की गोद में अपने भीतर झांककर खुद को ऊर्जा से भर सकते हैं। 
योग शिविर का उद्देश्य न केवल उपस्थित लोगों को लाभ पहुंचाना है, बल्कि योग से मिलने वाली शांति और खुशी को समाज तक पहुंचाना भी है। स्वस्थ जीवनशैली और पोषण के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया।
 स्वामी जी ने कहा कि योग के माध्यम से व्यक्ति खुद को सशक्त बनाता है और रोग मुक्त जीवन जीता है। इस अवसर पर प्लांट हेड - बी.एस. सभरवाल, एचआर एडमिन हेड - बी.एस. जसवाल, डीएम एचआर एडमिन - प्रिंसी राणा, कंपनी स्टाफ और श्रमिक भी मौजूद थे।