जमीन विवाद को लेकर चंडीगढ़ पुलिस कर्मचारी के पेट में चाकू मारा गया

एस.ए.एस. नगर, 13 जून- बनूर के पास स्थित हुल्का गांव के निवासी चंडीगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल ने आरोप लगाया है कि जमीन विवाद को लेकर उन पर चाकू से हमला किया गया। हालांकि, एक महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।

एस.ए.एस. नगर, 13 जून- बनूर के पास स्थित हुल्का गांव के निवासी चंडीगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल ने आरोप लगाया है कि जमीन विवाद को लेकर उन पर चाकू से हमला किया गया। हालांकि, एक महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
विवरण देते हुए शिकायतकर्ता सुखदीप सिंह ने बताया कि वह चंडीगढ़ पुलिस में कर्मचारी हैं। 13 मई को जब वह अपनी ड्यूटी खत्म करके अपने गांव लौटे, तो उनके बेटे ने उन्हें बताया कि उसी गांव के राम सिंह ने उनकी जमीन पर दीवार बनाई है। जब वह अपने बेटे और भाई के साथ राम सिंह को रोकने गए, तो वहां राम सिंह के तीन बेटे और दो पोते मौजूद थे, जिन्होंने उन पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा कि जब वे उनके बेटे और भाई को पीट रहे थे, तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उनमें से एक ने उनके सिर पर लाठी से वार किया, जबकि राम सिंह के बेटे सिखंदर सिंह ने उनके पेट में दो बार चाकू मारा। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए, और सुखदीप को बनूर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सिविल अस्पताल, फेज-6 रेफर कर दिया गया। वहां वह 15 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे और ऑपरेशन के लगभग 22 दिन बाद उन्हें होश आया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में उन्होंने बनूर थाने के SHO से मिलकर कार्रवाई करने को कहा, लेकिन शुरुआत में उन्हें टाल दिया गया। बाद में पुलिस ने बहुत हल्की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि हमलावर को अदालत से जमानत मिल गई।
उन्होंने बताया कि जब फेज-6 सिविल अस्पताल से डॉक्टर की रिपोर्ट आई, तो पुलिस को मामले में एक और धारा जोड़नी पड़ी, जिसके कारण चाकू मारने वाले सिखंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। फिर भी, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
सुखदीप सिंह ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
संपर्क करने पर बनूर थाने के SHO गुरसेवक सिंह ने कहा कि हुल्का गांव में दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में सुखदीप सिंह के बयानों के आधार पर धारा 326 के तहत राम सिंह, सिखंदर सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सिखंदर सिंह को छोड़कर बाकी लोगों को जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि मेडिकल रिकॉर्ड की जांच के बाद धारा 307 जोड़ने की जरूरत पड़ी, तो वह भी किया जाएगा। उन्होंने इस मामले में किसी भी राजनीतिक दबाव से इनकार किया।
दूसरे पक्ष के राम सिंह ने सुखदीप के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि हमला उन्होंने नहीं, बल्कि उन पर किया गया था। उन्होंने कहा कि वह खुद राजपुरा अस्पताल में भर्ती रहे, और हालत बिगड़ने के कारण उन्हें पटियाला रेफर किया गया। उनके अमृतधारी बेटे सिखंदर सिंह की पगड़ी का अपमान किया गया, जिसके बाद उन्होंने आत्मरक्षा में सिर्री साहिब (छोटा कृपाण) से हमला किया था।
गांव के सरपंच मंजीत सिंह ने कहा कि रास्ते को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है, इसलिए दोनों पक्षों को बैठाकर मामला सुलझाया जाएगा।