
इप्सा अवार्ड समारोह, कवि दरबार व परिचर्चा, ‘वर्तमान समय का सच’ व ‘हरफ बोलदे रिहाला’ पुस्तकें जनता के समक्ष प्रस्तुत, तर्कपूर्ण सोच समय की मुख्य जरूरत- कुल्लेवाल
गढ़शंकर- इंडो पंजाबी साहित्य अकादमी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (इप्सा) ने ब्रिसबेन स्थित राज्य मुख्यालय में अपना वार्षिक समारोह आयोजित किया। इप्सा का यह वार्षिक कार्यक्रम स्थानीय इंडो पंजाबी लाइब्रेरी इनाला में सरबजीत सोही के मंच संचालन में आरंभ हुआ, जिसमें उन्होंने इप्सा के पांचों विंग (खेल ‘इंडोर’, खेल ‘आउटडोर’, साहित्य, संगीत व संस्कृति) से संबंधित गतिविधियों के बारे में अतिथियों व दर्शकों के साथ जानकारी साझा की।
गढ़शंकर- इंडो पंजाबी साहित्य अकादमी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (इप्सा) ने ब्रिसबेन स्थित राज्य मुख्यालय में अपना वार्षिक समारोह आयोजित किया। इप्सा का यह वार्षिक कार्यक्रम स्थानीय इंडो पंजाबी लाइब्रेरी इनाला में सरबजीत सोही के मंच संचालन में आरंभ हुआ, जिसमें उन्होंने इप्सा के पांचों विंग (खेल ‘इंडोर’, खेल ‘आउटडोर’, साहित्य, संगीत व संस्कृति) से संबंधित गतिविधियों के बारे में अतिथियों व दर्शकों के साथ जानकारी साझा की।
अध्यक्ष रछपाल सिंह हेयर, खेल निदेशक बलदेव सिंह निज्जर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनजीत बोपाराय ने इस संगठन के लिए किए गए अथक प्रयासों के बारे में जानकारी साझा की। इप्सा के वर्तमान अध्यक्ष रूपिंदर सोज़ ने अगले भाग के लिए मंच संभाला और हिंदी कवि सोम्या, उर्दू कवि डॉ. अबू बक्र, पंजाबी गीतकार हरबंस मालवा का दर्शकों से परिचय कराया, जिन्हें इप्सा द्वारा विशेष सम्मान पुरस्कार दिया गया।
आईपीएसए के पहले अध्यक्ष जरनैल बस्सी, इंडोज लाइब्रेरी के प्रभारी दलवीर हलवारवी, पारिवारिक गतिविधियों के निर्माता प्रीतम झज्ज, आईपीएसए के संस्थापक पाल राउके, खेल अग्रणी जसपाल संघेरा को इंडोज आइकन अवार्ड से सम्मानित किया गया। आईपीएसए की विभिन्न शाखाओं के सचिव गुरविंदर खटरा, गुरजीत बारिया, सरबजीत सोही, जसपाल संघेरा, कमलदीप बाजवा को उनकी अकादमी के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
अगले दौर में पंजाब से आये तर्कशील सोसायटी पंजाब के दो नेता जोगिंदर कुलेवाल और जसवन्त जीरख ने संबोधित करते हुए इस संस्था (आईपीएसए) की गौरवशाली उपलब्धियों की सराहना की।
उन्होंने तर्कशील सोसायटी द्वारा पंजाब से अंधविश्वासों को खत्म करने तथा समाज में रचनात्मक मूल्यों को लागू करके समानता पर आधारित समाज बनाने में निभाई जा रही भूमिका पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि तर्कसंगत सोच अपनाना समय की मुख्य जरूरत है।
कुल्लेवाल ने तर्कशील सोसायटी द्वारा दी जा रही वैकल्पिक रचनात्मक संस्कृति पर प्रकाश डाला। जसवंत जीरख ने अपनी पहली पुस्तक ‘वर्तमान समय का सच’ के बारे में बताते हुए इस पुस्तक के माध्यम से सरकारों तथा धर्मों की आड़ में अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं के गठजोड़ को उजागर करने वाले लेखों के बारे में स्पष्ट किया।
लेखक एवं सांस्कृतिक हस्ती रमन सेखों, डॉ. गुरचरण गिल ने भी अपने विचार साझा किए तथा उन्हें विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया। तर्कशील सोसायटी पंजाब के सांस्कृतिक विभाग के प्रमुख जोगिंदर कुल्लेवाल को उनके पहले आस्ट्रेलिया दौरे पर तर्कशील सोसायटी को उनकी निरंतर अथक सेवाओं के लिए विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।
पाकिस्तानी कवियत्री नोशी गिलानी, जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से अपने पति सैयद खान का साथ दिया, को इप्सा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अंत में, जसवन्त ज़िरख की पुस्तक 'मोजुदा सेमे दा सच' निबंध संग्रह और बलवंत सानीपुर का 'हर्फ़ बोलदे पिल्हल' कविता संग्रह जनता के सामने प्रस्तुत किया गया। पॉल राउके और अन्य कवियों ने प्रदर्शन किया।
इस मौके पर बिक्रम सिंह चंदी, चरणजीत काहलों, राजदीप सिंह लाली, गुरजीत उप्पल, प्रीत सरगम, तजिंदर भंगू, हरभजन लाल, आत्मा सिंह हेयर, नछत्तर कुलार, अमनप्रीत टल्लेवाल, रोमन बाजवा, तरलोचन सिंह राजू जगजीत सिंह आदि मौजूद थे।
