
बिजली कर्मचारी, तकनीकी सेवा संघ और सीएचबी वर्करों ने निजीकरण के खिलाफ कन्वेंशन कर संघर्ष का बिगुल फूंका
पटियाला- तकनीकी सेवा संघ रेग सर्किल पटियाला और सीएचबी वर्करों ने आज 29 अप्रैल 2025 को प्रेस को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि साथी हरजीत सिंह अध्यक्ष टीएसयू सर्किल पटियाला, पूर्व उपाध्यक्ष पंजाब विजय देव, पावरकॉम एंड ट्रांसको कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लाइज यूनियन सर्किल पटियाला ने कन्वेंशन कर बिजली निगम के दो डिवीजनों खरड़ और लालड़ू की बागडोर निजी हाथों में सौंपने की तैयारी को बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक और कदम बताया और इसकी कड़ी निंदा की। पूरे पटियाला के नियमित, आउटसोर्स कर्मचारियों और पेंशनरों ने कर्मचारियों, आउटसोर्स, पेंशनरों और उपभोक्ता किसानों के खिलाफ सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की।
पटियाला- तकनीकी सेवा संघ रेग सर्किल पटियाला और सीएचबी वर्करों ने आज 29 अप्रैल 2025 को प्रेस को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि साथी हरजीत सिंह अध्यक्ष टीएसयू सर्किल पटियाला, पूर्व उपाध्यक्ष पंजाब विजय देव, पावरकॉम एंड ट्रांसको कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लाइज यूनियन सर्किल पटियाला ने कन्वेंशन कर बिजली निगम के दो डिवीजनों खरड़ और लालड़ू की बागडोर निजी हाथों में सौंपने की तैयारी को बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक और कदम बताया और इसकी कड़ी निंदा की। पूरे पटियाला के नियमित, आउटसोर्स कर्मचारियों और पेंशनरों ने कर्मचारियों, आउटसोर्स, पेंशनरों और उपभोक्ता किसानों के खिलाफ सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की।
नेताओं ने प्रेस बयान के माध्यम से कहा कि बिजली निगम पी.डी.सी. पंजाब विकास आयोग (पी.डी.सी.) की सिफारिश पर बिजली निगम के अधिकारियों को 21 अप्रैल को बैठक में राज्य के दो डिवीजन खरड़ व लालड़ू का निजीकरण करने के आंकड़े पेश करने थे। सरकार के इस हमले के खिलाफ पूरे पंजाब के बिजली कर्मचारियों ने आवाज उठाई और सरकार को चेतावनी दी कि किसी भी हालत में निजीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जिसके परिणामस्वरूप प्रबंधन को बैठक रद्द करनी पड़ी। हम पटियाला सर्कल के तकनीकी सेवा संघ के सभी कर्मचारियों, पेंशनरों और ठेका कर्मचारियों से अपील करते हैं कि भले ही आपके संघर्ष के कारण प्रबंधन को यू-टर्न लेना पड़ा हो, लेकिन उन्होंने अपनी जनविरोधी निजीकरण नीति को नहीं छोड़ा है। इसलिए सभी को तैयार रहना चाहिए कि निजीकरण नीति को रद्द करवाने के लिए एकजुट होकर बड़े पैमाने पर संघर्ष करने की तत्काल जरूरत है।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि चंडीगढ़ बिजली बोर्ड के निजीकरण के बाद नियमित कर्मचारियों, पेंशनरों और आउटसोर्स कर्मचारियों को कंपनी द्वारा परेशान किया जा रहा है, उनकी पिछली सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और उन्हें बहुत खराब शर्तों पर एक साल के प्रोबेशन पीरियड पर रखा गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने की तैयारी की जा रही है और अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि पेंशनरों को पेंशन कौन देगा। इसलिए इस सरकार और प्रबंधन द्वारा हम सभी कर्मचारियों, पेंशनरों और उपभोक्ताओं पर बहुत बड़ा हमला किया गया है।
हमें इसका कड़ा विरोध करना चाहिए। किसी भी हालत में निजीकरण को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। हम सीएचवी कर्मचारियों के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हैं, जिनका अनुबंध 30 अप्रैल को समाप्त किया जा रहा है और प्रबंधन और सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उनके रोजगार को बरकरार रखा जाए। हम इस निजीकरण नीति को रद्द करने का हर संभव प्रयास करेंगे।
आज 29 अप्रैल 2025 को पटियाला में इस मुद्दे पर बिजली कर्मचारियों, पेंशनरों और सीएचबी कर्मचारियों के एक समूह का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें भी साथियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आज के सम्मेलन में दिलप्रीत सिंह, बिक्कर खान, करमजीत सिंह, भगवान सिंह, विजय देव, जतिंदर चड्ढा, गुरदीप सिंह, इंद्रजीत सिंह, बरेश कुमार और साथियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा राज्य अध्यक्ष श्री कृष्ण सिंह औलख और राज्य महासचिव जसविंदर सिंह ने सम्मेलन को संबोधित किया।
सभी नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि 1 मई 2025 को मई दिवस को भाईचारे के संगठनों के साथ पटियाला में निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसमें पावरकॉम एंड ट्रांसको कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज यूनियन, टेक्निकल सर्विस यूनियन, वाटर सप्लाई यूनियन और भारतीय किसान यूनियन एकता गुरहा, पेस्को यूनियन हिस्सा लेंगे।
