लेक्चरर पवन कुमार शर्मा 31 वर्ष 1 माह की सेवा पूरी कर 30 अप्रैल को होंगे सेवानिवृत्त

होशियारपुर- सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुरुबिशन पुरी (भवानीपुर) में लेक्चरर के पद पर तैनात पवन कुमार शर्मा 31 वर्ष 1 माह की बेहतरीन सेवा के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाई और क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। वे खास तौर पर जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए सहयोग करते रहे।

होशियारपुर- सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुरुबिशन पुरी (भवानीपुर) में लेक्चरर के पद पर तैनात पवन कुमार शर्मा 31 वर्ष 1 माह की बेहतरीन सेवा के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाई और क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। वे खास तौर पर जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए सहयोग करते रहे।
पवन कुमार शर्मा का जन्म 5 अप्रैल 1967 को बैत क्षेत्र के गांव झोनोवाल में भगत राम शर्मा व माता शीला देवी के घर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की और स्कूल में अव्वल रहे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा आरके सिंह कॉलेज से बीएससी (नॉन मेडिकल) के साथ पूरी की। आर्य कॉलेज नवांशहर से बी.एड., डीएवी कॉलेज होशियारपुर से बी.एड. तथा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एम.ए. पवन कुमार शर्मा ने 7 अप्रैल 1994 को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बीनेवाल में विज्ञान अध्यापक के रूप में अपनी सेवा शुरू की। 
25 नवंबर 2024 को अध्यापक से लेक्चरर के पद पर पदोन्नत होने के बाद उन्होंने गुरुबिशन पुरी (भवानीपुर) स्कूल में पंजाबी लेक्चरर के रूप में कार्यभार संभाला। उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए उन्हें तीन बार शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार (आई.ए.एस.) तथा एक बार डी.सी. होशियारपुर द्वारा प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। 
इसके अलावा उन्हें इन-सर्विस ट्रेनिंग सेंटर द्वारा 'बेस्ट टीचर अवार्ड' से भी सम्मानित किया गया। उनके नेतृत्व में पढ़ाए गए विषयों - विज्ञान तथा पंजाबी - में 20 से अधिक विद्यार्थियों ने 100% अंक प्राप्त किए। समाज सेवा के क्षेत्र में भी पवन कुमार शर्मा ने बेत भलाई कमेटी के विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए क्षेत्र के विकास तथा समस्याओं के समाधान के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए। 
वॉयस ऑफ द पीपल के सह-संयोजक के रूप में उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित किए और कोविड-19 के दौरान घर-घर राशन और सब्जियां पहुंचाईं और मास्क वितरित किए। अब 31 साल और 1 महीने की बेदाग सेवा के बाद 30 अप्रैल को स्कूल में उनके सम्मान में एक विशेष विदाई समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख लोग भी भाग लेंगे।