
मलेरिया सहित वेक्टर जनित रोगों के प्रसार को रोकने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है - डीसी।
नवांशहर- विश्व मलेरिया दिवस को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह की अध्यक्षता में जिला प्रशासनिक परिसर में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व अन्य वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय अंतर विभागीय कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा विभिन्न सरकारी साझेदार विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नवांशहर- विश्व मलेरिया दिवस को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह की अध्यक्षता में जिला प्रशासनिक परिसर में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व अन्य वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय अंतर विभागीय कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा विभिन्न सरकारी साझेदार विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह ने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग समेत विभिन्न सरकारी सहयोगी विभागों के अधिकारियों को जिले में वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए मिलकर काम करने के निर्देश दिए। ऐसी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए उपायुक्त ने अधिकारियों को जिला स्तरीय व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय करने के निर्देश दिए। जहां स्वास्थ्य विभाग बुखार, डेंगू या मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के मामलों के बारे में संबंधित विभाग को अद्यतन जानकारी पोस्ट करेगा। ताकि वे समय रहते हस्तक्षेप कर उस विशिष्ट क्षेत्र में उचित निवारक उपाय कर सकें जहां से ऐसे मामले आ रहे हैं।
उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों के बीच निर्बाध समन्वय के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक अधिकारी के पास मामलों, हॉटस्पॉट्स, नमूनों और अन्य आवश्यक जानकारी का पूरा विवरण उपलब्ध होना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए एक अनूठी ‘लिटिल चैंपियंस मुहिम’ शुरू की है, जिसमें सरकारी स्कूलों के बच्चों और अध्यापकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्कूलों में जाकर अध्यापकों व बच्चों को डेंगू बुखार के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार के बारे में जानकारी प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि ‘लिटिल चैम्पियंस अभियान’ नामक इस पहल के तहत शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में कहीं भी पानी जमा होने से रोकने, स्कूलों और घरों में साफ-सफाई रखने तथा मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोकने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य स्कूली बच्चों को इन बीमारियों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनके माता-पिता, पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी जागरूक करना है।
इसके अलावा, इन बीमारियों से संबंधित विषयों को बच्चों की पाठ्येतर गतिविधियों जैसे कि चित्रकारी, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिताएं, प्रदर्शनियां, नुक्कड़ नाटक और गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूल के काम में शामिल किया जाना चाहिए। इस अभियान को शैक्षणिक संस्थानों तक भी पहुंचाया जाना चाहिए ताकि छात्रों को लार्वा के बारे में शिक्षित किया जा सके, क्योंकि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकने में मदद करने के लिए अपने आसपास के लोगों को संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
