भगवान श्री परशुराम की जयंती बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाई गई।

पटियाला: भगवान श्री परशु राम जन्म उत्सव एवं अक्षय तृतीया का पर्व सुधार सभा श्री केदार नाथ जी रजि. द्वारा बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। श्री परशु राम जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार दिनांक 29-04-2025 को प्रातः 11:00 बजे आलू-चने की सब्जी एवं छबील का प्रसाद चढ़ाने के पश्चात सेवा की गई। इस दिन शिव भगत श्री तरसेम वर्मा जी का जन्मदिवस था।

पटियाला: भगवान श्री परशु राम जन्म उत्सव एवं अक्षय तृतीया का पर्व सुधार सभा श्री केदार नाथ जी रजि. द्वारा बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। श्री परशु राम जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार दिनांक 29-04-2025 को प्रातः 11:00 बजे आलू-चने की सब्जी एवं छबील का प्रसाद चढ़ाने के पश्चात सेवा की गई। इस दिन शिव भगत श्री तरसेम वर्मा जी का जन्मदिवस था। 
यह सेवा उन्हीं के द्वारा की गई। अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में मंगलवार दिनांक 30-04-2025 को प्रातः रणजीत चंडोक एम.सी. वार्ड नं. 32 एवं सुधार सभा के सभी सदस्यों द्वारा प्रसाद चढ़ाने के पश्चात पलाओ, छबील, तुलसी के पौधे, पक्षियों के पीने के लिए मिट्टी के बर्तन तथा पक्षियों के लिए गुड़ एवं प्रदूषण रहित थैलियां भी वितरित की गई। यह समस्त सेवा सतनाम हसीजा परिवार द्वारा की गई।
 मंदिर के बाहर शिव जी की मूर्ति के पास फूलदार एवं कनेर के पौधे लगाए गए। अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ दिन है, इस दिन कई अवतार हुए हैं। इस दिन लक्ष्मी नारायण, गजकेशरी और सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीदारी करना बहुत फलदायी होगा। 29 और 30 अप्रैल को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे। नया काम शुरू करने और भूमि, भवन के साथ ही आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने के लिए इसे शुभ माना जाता है। 
अक्षय का मतलब कभी न खत्म होने वाला होता है, अक्षय तृतीया पर किया गया दान, पूजा, जप और खरीदारी कभी व्यर्थ नहीं जाती है। देवी लक्ष्मी से जुड़ी चीजें घर लाने से उनकी कृपा मिलती है, वे घर में स्थाई रूप से निवास करती हैं। इसके अलावा उन चीजों में वृद्धि भी होती है और भाग्य भी आपका साथ देता है। अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान और शुभ कार्य व्यर्थ नहीं जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। सतयुग, द्वापर युग और त्रेता युग की शुरुआत की गणना की गई है। भगवान विष्णु के दस अवतारों में से भगवान विष्णु के छठे रूप के रूप में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। 
इन सभी कार्यों को करवाने में सुधार सभा के सदस्यों और कॉलोनी निवासियों ने बहुत बड़ी सेवा की है। सुधार सभा हर महीने शिवरात्रि का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाती आ रही है। भोले बाबा की कृपा से यह त्यौहार आगे भी मनाया जाता रहेगा। अक्ष तिथि का भी बहुत महत्व है।