टैरिफ युद्ध का झटका: अमेरिकी बाजारों से 12,82,46,67,13,50,000 रुपये उड़े, निवेशक चिंतित।
बिजनेस डेस्क: लगातार चार सत्रों की मजबूती के बाद भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को मामूली गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। इसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में आई तीव्र गिरावट थी। हालाँकि, बाद में इसमें सुधार भी देखने को मिला। चिप निर्माताओं पर दबाव के बीच, अमेरिकी आईटी सूचकांक नैस्डैक बुधवार को 3% से अधिक गिर गया।
बिजनेस डेस्क: लगातार चार सत्रों की मजबूती के बाद भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को मामूली गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। इसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में आई तीव्र गिरावट थी। हालाँकि, बाद में इसमें सुधार भी देखने को मिला। चिप निर्माताओं पर दबाव के बीच, अमेरिकी आईटी सूचकांक नैस्डैक बुधवार को 3% से अधिक गिर गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध से सेमीकंडक्टर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। इससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस गिरावट के कारण अमेरिकी बाजारों से करीब 1.5 ट्रिलियन डॉलर (12,82,46,67,13,50,000 रुपए) का मार्केट कैप खत्म हो गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी आर्थिक विकास दर धीमी पड़ती दिख रही है। टैरिफ युद्ध से बचने के लिए आयात बढ़ाया जा रहा है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद पर दबाव पड़ने की संभावना है। इस बयान से बाजार में नकारात्मक भावना और गहरी हो गई।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने चीन को एनवीडिया और एएमडी के एआई चिप्स के निर्यात पर नए लाइसेंसिंग नियम लागू किए हैं। एनवीडिया ने कहा है कि इन प्रतिबंधों से कंपनी को लगभग 5.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
इस खबर का नैस्डैक पर सीधा असर पड़ा और वह 3% या 516 अंक नीचे बंद हुआ। एसएंडपी 500 में भी 2% से अधिक की गिरावट आई, जबकि डाऊ जोन्स में 1.5% से अधिक की गिरावट आई।
प्रौद्योगिकी शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट एनवीडिया और एएमडी में दर्ज की गई, जिनके शेयरों में 8% से अधिक की गिरावट आई। इसके अतिरिक्त, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 2% की गिरावट आई तथा टेस्ला के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई।
