धान की प्रतिबंधित किस्मों के बीजों की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग।

एसएएस नगर, 17 अप्रैल - भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर ने मांग की है कि धान की प्रतिबंधित किस्मों के बीजों की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए। यूनियन ने इस संबंध में पंजाब के कृषि निदेशक को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि किसान पूसा 44 और हाइब्रिड किस्म का धान न बोएं, क्योंकि फिर इसकी खरीद नहीं की जाएगी।

एसएएस नगर, 17 अप्रैल - भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर ने मांग की है कि धान की प्रतिबंधित किस्मों के बीजों की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए। यूनियन ने इस संबंध में पंजाब के कृषि निदेशक को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि किसान पूसा 44 और हाइब्रिड किस्म का धान न बोएं, क्योंकि फिर इसकी खरीद नहीं की जाएगी।
पत्र में कहा गया है कि सरकार ने पिछले साल भी कुछ ऐसा ही कहा था, लेकिन डीलरों ने किसानों को ये बीज बेच दिए और फिर किसानों को फसल बेचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और व्यापारियों ने किसानों से दाम कम करके फसल खरीद ली। पत्र में मांग की गई है कि पंजाब में डीलरों को प्रतिबंधित बीज न बेचने के सख्त निर्देश दिए जाएं।
पत्र में कहा गया है कि पिछले सीजन में सहकारी समितियों में नकली डीएपी उर्वरक पाया गया था और कृषि विभाग द्वारा नमूना संग्रह के बाद उर्वरक नकली पाया गया था। पत्र में कहा गया है कि इस दौरान जरूरतमंद किसानों ने कुछ उर्वरक खरीदा और अपनी फसलों के लिए इसका इस्तेमाल किया।
लेकिन उर्वरक की कृत्रिम प्रकृति के कारण फसल को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिले और उपज कम हो गई। दूसरी ओर, किसान के खाते में कृत्रिम खाद की कीमत बढ़ गई है। पत्र में मांग की गई है कि बेची गई नकली खाद की कीमत का पैसा किसानों की सहकारी समितियों के खातों में जमा कराया जाए ताकि किसान डिफाल्टर न बनें।
इस मौके पर यूनियन के प्रदेश प्रेस सचिव मेहर सिंह थेरी, ब्लॉक अध्यक्ष राजपुरा गुरदेव सिंह जंडोली, तरलोचन सिंह नडियाली, उजागर सिंह धमोली और मान सिंह राजपुरा भी मौजूद थे।