वेटरनरी विश्वविद्यालय पशुपालन मेले में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद खरीदने में किसानों ने दिखाया जबरदस्त उत्साह

लुधियाना 26 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के पशुपालन मेले में किसानों ने पशु आहार, मांस, मछली और दूध उत्पादों की खरीद में उत्साह भरपूर रुचि दिखाई। इस प्रतिक्रिया से पता चलता है कि विश्वविद्यालय अच्छे उत्पाद तैयार करने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने की किसानों की अपेक्षाओं को पूरा कर रही है। विश्वविद्यालय ने आज विभिन्न उत्पादों की बिक्री के आंकड़े साझा किये।

लुधियाना 26 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के पशुपालन मेले में किसानों ने पशु आहार, मांस, मछली और दूध उत्पादों की खरीद में उत्साह भरपूर रुचि दिखाई। इस प्रतिक्रिया से पता चलता है कि विश्वविद्यालय अच्छे उत्पाद तैयार करने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने की किसानों की अपेक्षाओं को पूरा कर रही है। विश्वविद्यालय ने आज विभिन्न उत्पादों की बिक्री के आंकड़े साझा किये।
डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि पशुपालन मेले में किसानों से हमें बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इससे यह सिद्ध होता है कि विश्वविद्यालय के शोध-आधारित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की जनता द्वारा सराहना की जा रही है।
पशु आहार विभाग ने 14 लाख रुपए की बिक्री की और 35 लाख रुपये के भावी ऑर्डर प्राप्त हुए। इन उत्पादों में मिनरल मिक्सचर, क्षेत्र-आधारित मिनरल मिक्सचर, तथा सूअरों और मछलियों के लिए विशेष रूप से तैयार यह मिश्रण शामिल हैं, जिसे किसानों द्वारा अत्यधिक सराहा गया। बाईपास वसा और पशु चाट भी बड़ी मात्रा में खरीदी गई।
मछली आधारित गुणवत्ता भरपूर उत्पादों की बिक्री, जिसमें मोमोज, बर्गर, टिक्की, समोसे, फिंगर्स और चाट शामिल थे, लगभग रू: 1.25 लाख रही। मांस, चिकन और अंडे के स्वादिष्ट उत्पाद लगभग 40,000 रुपये के बेचे गए। इनमें नगेट्स, मीट बॉल्स, अचार, पैटीज, समोसे आदि प्रमुख थे।
डेयरी उत्पादों की बिक्री 1.5 लाख रुपये से अधिक रही। इसमें 16 दूध आधारित उत्पाद शामिल थे जैसे फ्लेवर्ड मिल्क, आइसक्रीम, विभिन्न प्रकार की लस्सी, बर्फी, मिल्क केक, कुल्फी और ढोडा बर्फी । किसानों ने इन्हें खरीदने और इनका व्यवसाय शुरू करने में रुचि दिखाई।
डॉ. रविन्द्र सिंह ग्रेवाल निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ बिक्री या उसके आंकड़े साझा करना नहीं है, बल्कि हम यह बताना चाहते हैं कि यह किसानों के लिए ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण का एक बेहतरीन मंच है। बेहतर अनुसंधान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के माध्यम से, विश्वविद्यालय किसानों को सशक्त बनाने और पशुधन क्षेत्र की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।