
पूर्व सैनिकों ने पटियाला में सेना के कर्नल के खिलाफ पुलिस बर्बरता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
एसएएस नगर, 20 मार्च - पंजाब के पूर्व सैनिकों ने कल पटियाला में पंजाब पुलिस द्वारा सेना के कर्नल और उनके बेटे पर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की विफलता को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए ब्रिगेडियर हरबंत सिंह, कर्नल जीबी विर्क, लेफ्टिनेंट कर्नल एसएस सोही, कर्नल एएस संधू, कर्नल जेएस अठवाल, ब्रिगेडियर सरबजीत सिंह, ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों, कैप्टन मक्खन सिंह व अन्य ने कहा कि पटियाला में जिस तरह से पुलिस ने सेना के कर्नल व उसके बेटे के साथ मारपीट की, उससे पता चलता है कि पंजाब पुलिस व सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नल की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी कर्नल को यह कहते हुए धमकाते नजर आए कि वे एक मुठभेड़ करके आए हैं और दूसरी मुठभेड़ करेंगे।
एसएएस नगर, 20 मार्च - पंजाब के पूर्व सैनिकों ने कल पटियाला में पंजाब पुलिस द्वारा सेना के कर्नल और उनके बेटे पर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की विफलता को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए ब्रिगेडियर हरबंत सिंह, कर्नल जीबी विर्क, लेफ्टिनेंट कर्नल एसएस सोही, कर्नल एएस संधू, कर्नल जेएस अठवाल, ब्रिगेडियर सरबजीत सिंह, ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों, कैप्टन मक्खन सिंह व अन्य ने कहा कि पटियाला में जिस तरह से पुलिस ने सेना के कर्नल व उसके बेटे के साथ मारपीट की, उससे पता चलता है कि पंजाब पुलिस व सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नल की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी कर्नल को यह कहते हुए धमकाते नजर आए कि वे एक मुठभेड़ करके आए हैं और दूसरी मुठभेड़ करेंगे।
पूर्व सैनिकों ने कहा कि इस घटना से यह भी पता चलता है कि पुलिस और प्रशासन की नजर में सैन्यकर्मियों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। और राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस उनके साथ गुंडों और बदमाशों जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि एक सैन्य अधिकारी पर यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति के सम्मान पर नहीं, बल्कि पूरे सैन्य समुदाय पर धब्बा है।
इस बीच, ब्रिगेडियर हरबंत सिंह के नेतृत्व में पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन मोहाली के उपायुक्त को भेजा। पत्र में मांग की गई है कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। और इस मामले में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
इसके साथ ही मांग की गई है कि पंजाब में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, रक्षा कर्मियों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को उत्पीड़न व हमलों से बचाने के लिए संरक्षण अधिनियम बनाया जाए, सैन्य सेवा का सम्मान करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम पुलिस व प्रशासन के लिए अनिवार्य किए जाएं तथा सैन्य कर्मियों से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएं।
पूर्व सैनिकों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो पंजाब और भारत भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन होंगे। जिसके तहत सरकारी समारोहों का बहिष्कार किया जाएगा और कानूनी लड़ाई के साथ-साथ मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त सैनिकों में ब्रिगेडियर एसपी सिंह, ब्रिगेडियर सुरजीत सिंह, कर्नल बीएस बैदवान, कर्नल केएस गर्ग, कर्नल रविंदर सिंह, कर्नल पीएस संधू, कर्नल एमएस बराड़, कर्नल डीएस ग्रेवाल, कर्नल आलमजीत संधू, कर्नल टीएस सिद्धू, कर्नल हरबख्श सिंह, कर्नल आरएस पेहर, कर्नल रूपिंदर सिंह, कर्नल मोहिंदर सिंह, कर्नल मनजिंदर सिंह, कर्नल कंवरदीप सिंह, कर्नल आईएस ढिल्लों, कर्नल मनजीत, कर्नल एमएस चौहान, कर्नल एडीएस गिल, कर्नल गुरप्रीत सिंह, कर्नल गुरतेज गिल, कैप्टन आईएल केर, कैप्टन गुरमीत सिंह, कैप्टन जीसी घुमन, मेजर हरमोहिंदर सिंह, आईजेएस मल्होत्रा, प्रकाश सिंह, प्रीतम सिंह, जोगिंदर सिंह, किरणपाल सिंह, रूपल सिंह, जसवंत सिंह, आईपी सिंह, अरविंद कुमार, सुच्चा सिंह ढिल्लों, राम सिंह, आरएस बिंद्रा जीएम, भजन सिंह भी उपस्थित थे।
