नव प्रकाशित कविता पुस्तक ‘महा-खामोशी’ का विमोचन समारोह

चंडीगढ़, 18 मार्च, 2025 - गुरु नानक सिख अध्ययन विभाग, पीयू चंडीगढ़ में प्रसिद्ध ब्रिटिश पंजाबी कवि डॉ. मोहिंदर गिल के काव्य संग्रह महा-खामोशी (महान मौन) पर पुस्तक विमोचन और पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।

चंडीगढ़, 18 मार्च, 2025 - गुरु नानक सिख अध्ययन विभाग, पीयू चंडीगढ़ में प्रसिद्ध ब्रिटिश पंजाबी कवि डॉ. मोहिंदर गिल के काव्य संग्रह महा-खामोशी (महान मौन) पर पुस्तक विमोचन और पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
अपने स्वागत भाषण में विभाग के अकादमिक प्रभारी प्रो. गुरपाल सिंह ने संग्रह के मुख्य विषयों और कवि के बारे में बताया। उन्होंने ब्रिटेन में कवि के साथ अपनी लंबी गहरी यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि कविता सभी प्रकार के दर्शकों तक संदेश पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर दीपक मनमोहन सिंह थे। विख्यात ब्रिटिश कवि दर्शन बुलंदवी विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रवासी पंजाबी कविताओं का पंजाबी समुदाय में अपना विशिष्ट स्थान है। आधुनिक पंजाबी कविता समाज की संभावनाओं और अतीत को दर्शाती है। पैनल चर्चा में डॉ. हरमेल सिंह, डॉ. परमजीत सिंह, डॉ. राजेश और डॉ. रविंदर धालीवाल ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। 
प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों का मुख्य सार और विषय आधुनिक विमर्श में पंजाबी कविता का स्थान और महत्व था। पंजाबी प्रवासी पंजाबी भाषा और संस्कृति की बहुत ताकत और प्रसार रखते हैं। गद्य और कविता संचार के दो प्रसिद्ध माध्यम हैं, लेकिन कविता लोगों के मानस पर गहरा प्रभाव डालती है। कविता भावनाओं और संवेदनाओं के माध्यम से लोगों के बीच एक सार्थक संवाद बनाती है। यही कारण है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कविता सबसे लोकप्रिय हुई। कविता के माध्यम से एक व्यापक संदेश दिया गया। वर्तमान संग्रह विदेशों में पंजाबी लोगों के इतिहास, रहस्य और आशा को समेटे हुए है। डॉ. मोहिंदर सिंह जैसे कवियों को विरासत और प्रकाश को आगे बढ़ाना चाहिए। 
कवि ने संग्रह और अपनी जीवन यात्रा के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपने संग्रह की कई रचनाएँ श्रोताओं को सुनाईं। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. सरबजीत सिंह ने कहा कि समकालीन प्रगतिशील कविता पारंपरिक रूपकों से आगे बढ़ गई है और उसने अपना दायरा बढ़ाया है।
 इस अवसर पर डॉ. निर्मल सिंह, डॉ. दविंदर सिंह, डॉ. संतोख सिंह हरे, यूके से डॉ. शिंदरपाल सिंह, डॉ. उमा सेठी, इटली से शोधार्थी दमन सिंह और कई अन्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया और अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में दुनिया भर से कई साहित्यकार, कविता प्रेमी, विद्वान, अतिथि और छात्र शामिल हुए। मंच का संचालन डॉ. सुखविंदर सिंह ने किया। वार्ता के अंत में डॉ. गुरपाल सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।