
सांस्कृतिक संरक्षण सोसायटी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को समर्पित सेमिनार आयोजित किया
होशियारपुर- जब देश गुलाम था, तब एक शहीद ने अपने प्राणों की आहुति देकर पूरे देश में क्रांति की लहर पैदा कर दी थी। आज हम शहीद-ए-आजम स्व. भगत सिंह की बात कर रहे हैं, अगर हमें भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो देश के हर नागरिक को यह संकल्प लेना होगा कि इस आजाद भारत में उसे जो भी जिम्मेदारी मिली है, उसे वह पूरी ईमानदारी से निभाएगा।
होशियारपुर- जब देश गुलाम था, तब एक शहीद ने अपने प्राणों की आहुति देकर पूरे देश में क्रांति की लहर पैदा कर दी थी। आज हम शहीद-ए-आजम स्व. भगत सिंह की बात कर रहे हैं, अगर हमें भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो देश के हर नागरिक को यह संकल्प लेना होगा कि इस आजाद भारत में उसे जो भी जिम्मेदारी मिली है, उसे वह पूरी ईमानदारी से निभाएगा।
उक्त शब्द सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त डीआईजी अमरजीत सिंह ने स्थानीय साधु आश्रम में सांस्कृतिक संरक्षण सोसायटी द्वारा भगत सिंह और आज के संदर्भ पर आयोजित सरदार भगत सिंह को समर्पित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहे। अमरजीत ने कहा कि एक सैनिक सीमा पर ईमानदारी से काम करते हुए शहीद हो जाता है, क्योंकि उस सैनिक को सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी मिलती है।
इसी तरह ब्रह्मांड ने हम सभी को कोई न कोई जिम्मेदारी सौंपी है और इस जिम्मेदारी को निभाना ही पूर्ण स्वराज की ओर हमारा पहला कदम होगा। इस अवसर पर समाजसेवी डॉ. अजय बग्गा ने कहा कि आज हमारी युवा पीढ़ी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। भगत सिंह व उनके साथियों की सोच को अच्छे से जानने की जरूरत है। शिक्षा वकील दीपक वशिष्ठ ने कहा कि पिछले काफी समय से कुछ लोग जानबूझकर हमारे शहीदों की कुर्बानी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजीव तलवार ने कहा कि शहीद किसी जाति या धर्म के नहीं होते, वे देश की धरोहर होते हैं। इसलिए भारत के चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस तरह चुनाव के दौरान किसी धार्मिक प्रतीक या धार्मिक स्थल या राष्ट्रीय धरोहर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, उसी तरह कोई भी राजनीतिक दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए इन शहीदों के नाम का इस्तेमाल न करे।
कार्यक्रम को डॉ. रितु वाला धर्मपाल साहिल, प्रसिद्ध कवि टेकरियां ने भी संबोधित किया। अंत में समिति अध्यक्ष मास्टर कुलविंदर जैदा ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर समिति सदस्यों के साथ शहर के जाने-माने शिक्षाविद् भी मौजूद थे।
