
557वें नानकशाही वर्ष का आगमन बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया।
एसएएस नगर, 15 मार्च - निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां में नानकशाही संवत के 557वें वर्ष का आगमन दिवस पूरी श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस दिवस के उपलक्ष्य में सुबह श्री सहज पाठ साहिब जी के भोग के पश्चात दिनभर गुरमत समागम का आयोजन किया गया।
एसएएस नगर, 15 मार्च - निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां में नानकशाही संवत के 557वें वर्ष का आगमन दिवस पूरी श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस दिवस के उपलक्ष्य में सुबह श्री सहज पाठ साहिब जी के भोग के पश्चात दिनभर गुरमत समागम का आयोजन किया गया।
इस गुरमत समागम में भाई मनजीत सिंह के अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्थे ने संगत को धन धन श्री गुरु नानक देव जी महाराज जी के जीवन चरित्र और मानवता के कल्याण के लिए उनकी उदासीयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मीरी पीरी खालसा जत्था जगाधरी वालों ने अपने मधुर कीर्तन के माध्यम से दिव्य भजनों से संगत को मंत्रमुग्ध कर उन्हें गुरु से जोड़ने का प्रयास किया। शिरोमणि प्रचारक भाई जरनैल सिंह लुधियाना ने संगत को श्री गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा गाई गई धुर की बाणी के बारे में विस्तार से बताया।
इसके अलावा भाई लखविंदर सिंह अमृतसर वाले, भाई प्रदीप सिंह, भाई ओंकार सिंह, भाई महावीर सिंह तेरे पंजाब कविश्री जत्था, भाई संदीप सिंह शिरोमणि प्रचारक श्री आनंदपुर साहिब, भाई सुखविंदर सिंह मित्तर प्यारे नू कीर्तनी जत्था, भाई जसविंदर सिंह के जत्थों के अलावा भाई जसविंदर सिंह, भाई इंद्रजीत सिंह, भाई गुरमीत सिंह, भाई सुरिंदर सिंह और भाई जसवंत सिंह के जत्थों ने कथा, कीर्तन, कविश्री और गुरमत विचारों के माध्यम से हर जस का जाप करके संगत को दिनभर निहाल किया। सभी ग्रुपों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।
नानकशाही वर्ष के आगमन का जश्न मनाने के लिए स्वर्ण मंदिर के बाहरी हिस्से और द्वार तक जाने वाले मार्ग को विशेष तरीके से सजाया गया था। इस अवसर पर हर विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जांच की गई तथा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दवाइयां दी गईं। पूरे दिन अनेक मिठाइयां और गुरु का लंगर निरंतर चलता रहा।
