नशे के खिलाफ जंग: आप सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण 86 प्रतिशत मामलों में सजा हुई - हरपाल सिंह चीमा

नवांशहर- 'नशे के खिलाफ जंग' पर कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से निपटने के लिए इस निर्णायक कदम में नशा तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बुराई में शामिल किसी भी व्यक्ति या अपराधियों को बचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या प्रभाव का हो।

नवांशहर- 'नशे के खिलाफ जंग' पर कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज घोषणा की कि नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से निपटने के लिए इस निर्णायक कदम में नशा तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बुराई में शामिल किसी भी व्यक्ति या अपराधियों को बचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या प्रभाव का हो। 
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य भर में ‘नशे के खिलाफ जंग’ मुहिम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों के दौरे के दूसरे पड़ाव के दौरान शहीद भगत सिंह नगर में सिविल और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक के दौरान कहा कि 1 मार्च से 5 मार्च तक राज्य भर में ‘नशे के खिलाफ जंग’ मुहिम के दौरान 530 एफआईआर दर्ज की गई, 697 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 42 किलो हेरोइन, 15 किलो अफीम और 41027 नशीली दवाओं सहित बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए। 
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में सीनियर पुलिस अधिकारियों की निगरानी में हॉटस्पॉट की घेराबंदी और तलाशी, मोबाइल फोन के लिए जेलों की जांच, केमिस्ट की दुकानों की जांच, ज्ञात तस्करों, नशा तस्करों और कोरियर पर छापेमारी के अलावा अभियान में आम लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के साथ बैठकें और नशा विरोधी अभियान के तहत ‘संपर्क’ बैठकें की जा रही हैं।
 बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सजा दर 58 प्रतिशत थी, लेकिन आप के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के तहत पिछले तीन वर्षों में यह बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई है और 100 प्रतिशत तक पहुंचने का लक्ष्य है। उन्होंने शहीद भगत सिंह नगर के प्रभावशाली प्रदर्शन का जिक्र किया, जहां सजा दर 99 प्रतिशत दर्ज की गई है। 
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान एक भी डिफॉल्टर को जमानत नहीं मिली और 46 मामलों में से 44 में सजा सुनाई गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2007 से 2017 तक अकाली-भाजपा सरकार से पहले किसी ने चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग्स) के बारे में नहीं सुना था। यहां तक कि उनके कार्यकाल के दौरान श्री तलवंडी साबो में कैप्टन अमरिंदर सिंह का शपथ ग्रहण भी निरर्थक साबित हुआ और बाद में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी राज्य में नशे को रोकने में विफल रहे। 
उन्होंने आगे कहा कि अब ज्यादातर नशा तस्कर सलाखों के पीछे हैं। उनकी संपत्तियां कुर्क की जा रही हैं और बाकी या तो यह कारोबार छोड़ चुके हैं या राज्य छोड़कर भाग रहे हैं।