
तीन दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला: पंजाब विश्वविद्यालय में ग्रेड फ्रेमवर्क के साथ उन्नत व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ
चंडीगढ़, 17 फरवरी 2025- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सेंटर फॉर सिस्टम बायोलॉजी एंड बायोइनफॉरमैटिक्स में उन्नत व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण पर एक अत्यंत समृद्ध तीन दिवसीय कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। यह कार्यशाला डीबीटी-बिल्डर के सहयोग से आयोजित की गई थी और नवंबर में आयोजित अत्यधिक सफल कार्यशाला के बाद श्रृंखला की दूसरी किस्त थी।
चंडीगढ़, 17 फरवरी 2025- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सेंटर फॉर सिस्टम बायोलॉजी एंड बायोइनफॉरमैटिक्स में उन्नत व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण पर एक अत्यंत समृद्ध तीन दिवसीय कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। यह कार्यशाला डीबीटी-बिल्डर के सहयोग से आयोजित की गई थी और नवंबर में आयोजित अत्यधिक सफल कार्यशाला के बाद श्रृंखला की दूसरी किस्त थी।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार गुप्ता की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में एम्स कल्याणी के डॉ. अमित पाल और एम्स जोधपुर के डॉ. मुहम्मद आकिब शमीम सहित कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण पद्धतियों पर अपनी विशेषज्ञता साझा की।
आयोजन समिति में प्रोफेसर डॉ. वीना पुरी, अध्यक्ष, डॉ. अशोक कुमार, सहायक प्रोफेसर, सेंटर फॉर सिस्टम्स बायोलॉजी एंड बायोइनफॉरमैटिक्स, पंजाब विश्वविद्यालय और पीएचडी विद्वान परमिंदर सिंह, पार्वती पंत और अभिषेक डे शामिल थे।
कार्यशाला तीन दिनों तक चली, जिनमें से प्रत्येक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण के एक महत्वपूर्ण पहलू पर समर्पित था। पहले दिन व्यवस्थित समीक्षा ढांचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें खोज रणनीति तैयार करने और उपयुक्त डेटाबेस का चयन करने पर इंटरैक्टिव सत्र और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल थे।
दूसरा दिन डेटा निकालने और उसे संश्लेषित करने के लिए समर्पित था, जिसमें व्यवस्थित समीक्षाओं की विश्वसनीयता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पूर्वाग्रह के जोखिम का आकलन करने पर व्यावहारिक सत्र शामिल थे। अंतिम दिन मेटा-विश्लेषण करना, ग्रेड फ्रेमवर्क का उपयोग करके परिणामों की व्याख्या करना और नए बायोमेडिकल अनुसंधान में जैव सूचना विज्ञान अनुप्रयोगों की खोज करना शामिल था।
कार्यशाला में भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से स्नातक, स्नातकोत्तर, शोध विद्वान, चिकित्सक और संकाय सदस्यों सहित प्रतिभागियों के एक विविध समूह ने भाग लिया। अर्थशास्त्र, पुनर्योजी चिकित्सा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, आणविक चिकित्सा और जैव सूचना विज्ञान जैसे बहु-विषयक क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों ने ज्ञान और सहयोगी शिक्षण के समृद्ध आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम का समापन शानदार तरीके से हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने व्यापक संरचना, विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि और इंटरैक्टिव सत्रों की सराहना की। इस कार्यशाला की सफलता ने साक्ष्य-आधारित अनुसंधान में व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण के महत्व को मजबूत किया है और इस क्षेत्र में भविष्य के सहयोगी प्रयासों का मार्ग प्रशस्त किया है।
