
आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक के साये में आम लोग जी रहे हैं।
एस.ए.एस. नगर, 7 जून - पिछले कुछ समय में हमारे शहर और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और शहर के बाजारों से लेकर पार्कों और गलियों, मोहल्लों में हर जगह इन आवारा कुत्तों के झुंड दिखाई देते हैं। ये आवारा कुत्ते छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं। और इनके आतंक के कारण बच्चे घरों से बाहर निकलकर खेलने से भी डरते हैं। लोग इन आवारा कुत्तों पर नियंत्रण की मांग भी करते हैं, लेकिन इनकी यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
एस.ए.एस. नगर, 7 जून - पिछले कुछ समय में हमारे शहर और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और शहर के बाजारों से लेकर पार्कों और गलियों, मोहल्लों में हर जगह इन आवारा कुत्तों के झुंड दिखाई देते हैं।
ये आवारा कुत्ते छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं। और इनके आतंक के कारण बच्चे घरों से बाहर निकलकर खेलने से भी डरते हैं। लोग इन आवारा कुत्तों पर नियंत्रण की मांग भी करते हैं, लेकिन इनकी यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है और पिछले कुछ समय में आवारा कुत्तों द्वारा शहरवासियों को काटने की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई है और स्थानीय सिविल अस्पताल में जिले भर से कुत्तों के काटने के कारण आने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
ये आवारा कुत्ते यातायात को भी बाधित करते हैं और जब कोई वाहन इन कुत्तों के पास से गुजरता है, तो ये कुत्ते पूरी गति से उस वाहन का पीछा करते हैं। कई बार जब कोई दोपहिया वाहन चालक इन कुत्तों से बचने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा देता है तो कई बार दोपहिया वाहन चालक उसके नियंत्रण से बाहर हो जाता है और स्थिति दुर्घटना की बन जाती है। ये कुत्ते आपस में लड़ते भी रहते हैं। शहर के पार्कों में भी इन कुत्तों की संख्या काफी अधिक है, जिसके कारण पार्कों में आने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्थानीय प्रशासन आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान करने में पूरी तरह विफल रहा है। शहरवासियों की मांग है कि शहर में बड़ी समस्या बन रहे आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
