
भारतीय इतिहास कांग्रेस का 83वां अधिवेशन सम्पन्न, 1300 से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल
पटियाला, 31 दिसंबर- पंजाबी यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ का 83वां अधिवेशन कल रात सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। स्थानीय सचिव प्रो. मोहम्मद इदरीस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिवेशन में प्रमुख इतिहासकारों, विद्वानों और शोधकर्ताओं सहित 1300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह अधिवेशन भारतीय इतिहास कांग्रेस के महासचिव प्रो. गौतम सेनगुप्ता और सचिव प्रो. नदीम अली रिजवी के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
पटियाला, 31 दिसंबर- पंजाबी यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ का 83वां अधिवेशन कल रात सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। स्थानीय सचिव प्रो. मोहम्मद इदरीस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिवेशन में प्रमुख इतिहासकारों, विद्वानों और शोधकर्ताओं सहित 1300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह अधिवेशन भारतीय इतिहास कांग्रेस के महासचिव प्रो. गौतम सेनगुप्ता और सचिव प्रो. नदीम अली रिजवी के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
उन्होंने बताया कि अधिवेशन के दौरान प्रो. योगेश स्नेही द्वारा ‘मिश्रा मेमोरियल लेक्चर’ दिया गया। प्रो. इदरीस ने बताया कि प्रोफेसर इरफान हबीब ने ऑनलाइन माध्यम से मुख्य भाषण देते हुए पंजाब के लंबे इतिहास पर प्रकाश डाला। इसी तरह प्रोफेसर इंदु बंगा सहित कई प्रमुख इतिहासकारों ने भी पंजाब के अतीत और वर्तमान पर पैनल में महत्वपूर्ण बिंदु उठाए।
उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक शोध में कलात्मक निरूपणों के उपयोग पर एक विशेष संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी के वक्ताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सीमा बावा, पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय से प्रोफेसर उर्वी मुखोपाध्याय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से डॉ. अंजलि दुहन ने विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। अंतिम दिन एक व्यावसायिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें भारतीय इतिहास कांग्रेस के 84वें सत्र के लिए नए अध्यक्ष की घोषणा की गई।
