गांव ड़ल्लेवाल का एक गरीब परिवार पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहा है

गढ़शंकर 26 दिसंबर- मुसीबत किसी को बताकर नहीं आती और अगर मुसीबत के समय कोई हाल-चाल न पूछे तो मुसीबत पहाड़ बन जाती है। ऐसा ही मामला बीत क्षेत्र के गांव ड़ल्लेवाल का है। यहां 33 वर्षीय मीना कुमारी की शादी 15 साल पहले हुई थी, जिसका पति पेंटर का काम करता था।

गढ़शंकर 26 दिसंबर- मुसीबत किसी को बताकर नहीं आती और अगर मुसीबत के समय कोई हाल-चाल न पूछे तो मुसीबत पहाड़ बन जाती है। ऐसा ही मामला बीत क्षेत्र के गांव ड़ल्लेवाल का है। यहां 33 वर्षीय मीना कुमारी की शादी 15 साल पहले हुई थी, जिसका पति पेंटर का काम करता था। 
10 साल पहले बलजीत कुमार के पैर में कीड़े पड़ गए थे, जिसका इलाज स्थानीय डॉक्टर से करवाया था और अब बलजीत कुमार पिछले 2 साल से बिस्तर पर पड़ा है। बलजीत कुमार के 2 बेटे हैं और बड़ा बेटा 13 साल का है, जिसका अपेंडिक्स का ऑपरेशन होना है और छोटा बेटा 11 साल का है और उसकी पत्नी मीना कुमारी किसी के घर बर्तन साफ करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। 
मीना कुमारी ने कहा कि आज तक हमारी किसी ने नहीं सुनी, हमने सभी सरपंचों से कहा कि हमारे पति का इलाज करवाएं लेकिन यह सब कहने के बाद वे चले गए लेकिन आज तक किसी ने मदद नहीं की। राशन कार्ड भी 15 साल बाद बना था, हमें सिर्फ उसकी रसीद मिली है और कार्ड अभी तक नहीं मिला है। 
मीना कुमारी ने कहा कि मेरे पति बलजीत कुमार का अभी पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है, लेकिन पैसे न होने के कारण हम पीजीआई चंडीगढ़ नहीं जा सकते क्योंकि वहां बहुत खर्च होता है और हमें स्थानीय डॉक्टर से दवाई लेने पर मजबूर होना पड़ता है। मीना कुमारी ने सरकार से गुहार लगाई है कि मेरे पति और मेरे बड़े बेटे का इलाज करवाने में हमारी मदद करें। मीना कुमारी ने भारी मन से कहा कि कभी-कभी हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं।