
IISF-2024 में पेक के प्रोफेसर का चंडीगढ़ ग्रीन सिटी के लिए AI पर आधारित शोध हुआ पेश
चंडीगढ़, 15 दिसंबर, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बी. आदिनारायण को यंग साइंटिस्ट्स कॉन्फ्रेंस (YSC) में अपना शोध प्रस्तुत करने के लिए चयनित किया गया है। यह कॉन्फ्रेंस इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)-2024 का एक प्रतिष्ठित हिस्सा है। यह आयोजन 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गुवाहाटी, असम में आयोजित किया गया।
चंडीगढ़, 15 दिसंबर, 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बी. आदिनारायण को यंग साइंटिस्ट्स कॉन्फ्रेंस (YSC) में अपना शोध प्रस्तुत करने के लिए चयनित किया गया है। यह कॉन्फ्रेंस इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)-2024 का एक प्रतिष्ठित हिस्सा है। यह आयोजन 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गुवाहाटी, असम में आयोजित किया गया।
डॉ. अदिनारायण के शोध का शीर्षक है - "चंडीगढ़ ग्रीन सिटी के लिए साइकिल मोबिलिटी में लैंगिक भिन्नताओं और साइकिल नीतियों को समझने हेतु आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग: 2030 के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को हासिल करने में भूमिका।" इस शोध में उन्होंने शहरी परिवहन और स्थिरता की चुनौतियों के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनका काम AI-आधारित डेटा का उपयोग करके चंडीगढ़ में लैंगिक-सम्मानजनक साइकिल मोबिलिटी और हरित नीतियों को विकसित करने पर केंद्रित है, जो 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है।
उनके इस शोध को शहरी परिवहन और स्थिरता के क्षेत्र में नई सोच लाने के लिए खूब सराहा गया है। यह शोध न केवल जटिल सामाजिक चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है, बल्कि PEC की नवीनतम शोध और सतत शहरी विकास में प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक पहल है। इसका आयोजन विज्ञान भारती (VIBHA) के साथ मिलकर किया गया, जो स्वदेशी भावना से प्रेरित एक विज्ञान आंदोलन है। इस फेस्टिवल का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में रचनात्मकता को बढ़ावा देना और एक समृद्ध भारत का निर्माण करना है। इस आयोजन में कई प्रमुख संस्थानों और मंत्रालयों ने सहयोग दिया, जिनमें शामिल हैं: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES), परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE), अंतरिक्ष विभाग (DoS), आईआईटी गुवाहाटी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, यह आयोजन भारत सरकार और असम सरकार के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समाज के लिए अधिक प्रासंगिक और सुलभ बनाना है।
डॉ. आदिनारायण की यह उपलब्धि न केवल PEC के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह सतत विकास और समाज कल्याण के प्रति उनके प्रयासों का प्रमाण भी है।
