
करहाली साहिब में गुरु तेग बहादुर जी की याद में निकाला गया नगर कीर्तन
करहाली साहिब, 5 दिसंबर- ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी व नौवीं करहाली साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की बेमिसाल शहादत को समर्पित एक भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में पंज प्यारे साहिबों की अगुआई में नगर कीर्तन शुरू हुआ।
करहाली साहिब, 5 दिसंबर- ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी व नौवीं करहाली साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की बेमिसाल शहादत को समर्पित एक भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में पंज प्यारे साहिबों की अगुआई में नगर कीर्तन शुरू हुआ।
इस वार्षिक समागम में जहां दूर-दूर से गुरु नानक का नाम लेने वाली सिख संगत अपने-अपने साधनों से पहुंची और शामिल हुई, वहीं मिलिट्री बैंड, गतका पार्टियों के अलावा विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने गुरु मर्यादा के अनुसार अपने-अपने तरीकों से नगर कीर्तन में मत्था टेका।
ऐतिहासिक स्थान गुरुद्वारा करहाली साहिब से शुरू हुए इस नगर कीर्तन का गांव की संगत ने अलग-अलग पड़ावों में उत्साह व श्रद्धा के साथ सम्मान किया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बलिदान को विश्व के इतिहास में अद्वितीय बताया।
उन्होंने कहा कि गुरु जी दूसरे धर्मों की रक्षा के लिए स्वयं हत्यारे के पास चले गए थे। इसीलिए पूरी दुनिया गुरु तेग बहादुर साहिब जी को सभी धर्मों का रक्षक मानती है।
