
पंजाबी यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक साइंस विभाग ने गोल्डन जुबली कार्यक्रम का आयोजन किया
पटियाला, 23 नवंबर: पंजाबी यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक साइंस विभाग ने आज अपनी स्वर्ण जयंती मनाई। 1974 में स्थापित भारत के दूसरे सबसे पुराने और उत्तर भारत के सबसे पुराने फॉरेंसिक साइंस विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व शिक्षकों और छात्रों ने भी भाग लिया।
पटियाला, 23 नवंबर: पंजाबी यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक साइंस विभाग ने आज अपनी स्वर्ण जयंती मनाई। 1974 में स्थापित भारत के दूसरे सबसे पुराने और उत्तर भारत के सबसे पुराने फॉरेंसिक साइंस विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व शिक्षकों और छात्रों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर नरेंद्र कौर मुल्तानी ने की और विभाग को बधाई दी तथा विभाग की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक साइंस विषय का आज विश्व में बहुत ही विशेष महत्व है, जो न्याय के क्षेत्र में वैज्ञानिक तथ्यों की सहायता से खोज कर सत्य को सामने लाने में सहायक है।
विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुकेश ठाकुर ने विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि महज एक कमरे से शुरू हुआ यह विभाग अब अपने छात्रों और शोध गतिविधियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। विभाग के शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों द्वारा लिखे गए 700 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इस अवसर पर विभाग की स्थापना के बाद से विभाग में उल्लेखनीय योगदान देने वाले चार शिक्षकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इन सम्मानित हस्तियों में विभाग के प्रथम प्रमुख प्रोफेसर पीके चट्टोपाध्याय, प्रोफेसर आरके गर्ग, प्रोफेसर ओपी जसूजा और प्रोफेसर राकेश मोहन शर्मा शामिल हैं।
स्वर्ण जयंती मनाने के लिए एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसके दौरान विभाग के वर्तमान और पूर्व छात्रों द्वारा विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियाँ दी गईं।
